आशा ज्योति विद्यापीठ स्कूल में धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी का पर्व
आशा ज्योति विद्यापीठ (साहुपुरा सेक्टर- 65) में आज बसंत पंचमी पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। विद्यालय के छात्र-छात्राओं और अध्यापकों ने मां सरस्वती के चरणों में दीप जलाकर पुष्प अर्पित किए तथा मां सरस्वती की वंदना की। वही इस मौके पर विद्यालय में छात्र-छात्राओं के लिए बसंत पंचमी विषय पर प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई। जिसमें बच्चों ने बसंत पंचमी पर कविताएं, निबंध एवं हिंदी-अंग्रेजी में बसंत पंचमी पर भाषण दिए। कार्यक्रम को लेकर बच्चे बडे ही उत्साहित नजर आए। वही विद्यालय के सभी अध्यापकगण पीले वस्त्र धारण किए हुए थे। वही कार्यक्रम के दौरान छोटे-छोटे बच्चों को अक्षर ज्ञान कराया गया और पूरे विद्यालय में प्रसाद बांटा गया। इस मौके पर विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती इंदु अग्रवाल जी ने कहा कि बसंत पंचमी हमारे पर्यावरण से भी संबंधित हैं। इस दिन पूरी पृथ्वी हरी-भरी व फल-फूलों से लदी नजर आती है क्योंकि इस दिन ना तो अधिक सर्दी और न ही गर्मी पड़ती है। श्रीमति वही इंदु अग्रवाल ने बच्चों को बसंत पंचमी की शुभकामना देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। अंत में प्रधानाचार्य श्रीमती इंदु अग्रवाल जी ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि बच्चों को पुस्तकीय ज्ञान के अलावा विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से उनकी आंतरिक प्रतिभाओं को समाज के सम्मुख लाना हैं और विश्वास है कि हम बच्चों के लिए एक खुशी भरा वातावरण प्रदान कर रहे हैं एवं उनके उज्जवल भविष्य की तैयारी कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि आशा ज्योति विद्याापीठ संस्थान लगभग दस एकड़ में फैला ऐसा संस्थान है जहां बच्चों ने बसंत पंचमी के पावन पर्व को न केवल मनाया बल्कि यहां के हरे भरे उद्यान में इस पर्व को महसूस भी किया। संस्थान की प्रधानाचार्य इंदु अग्रवाल के अनुसार संस्थान की परंपरा के अनुसार आज का पूरा आयोजन भी बच्चों द्वारा किया गया था। उन्होने बताया कि आशा ज्योति विद्यापीठ द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रत्येक आयोजन में बच्चे ही न केवल कार्यक्रम की व्यवस्था संभालते है बल्कि कार्यक्रम की रूप रेखा भी बच्चें ही तैयार करते है। उन्होने आज इस पावन पर्व पर बच्चों का आह्वान किया कि संस्थान के चेयरमैन सत्यवीर डागर ने संस्थान की नींव ही इस उद्देश्य के साथ डाली है कि क्षेत्र के बच्चें अपने परंपरागत आदर्शों के साथ आधुनिक शिक्षा ग्रहण करे ताकि वह एक सफल व्यक्ति बनने के साथ-साथ व्यक्तित्व के धनी भी बने। इस मौके पर बच्चों द्वारा प्रस्तूत कार्यक्रमों के विषय में प्रधानाचार्य ने कहा कि जो भी बात इस मौके पर कही गई है उन सभी बातों को बच्चें अपने जीवन में अपनाने का भी प्रयास करें। प्रधानाचार्य ने स्कूल के स्टाफ का भी आह्वान किया कि वह बच्चों को पढ़ाते समय यह ध्यान रखें कि बच्चों ने जो बाते यहां कही उनकों वह याद दिलाते रहे।