लॉकडाउन में औद्योगिक छूट के नाम पर छलावा बंद करे भाजपा सरकार: मनोज अग्रवाल
बल्लभगढ़ के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और फरीदाबाद जिले के जाने माने व्यापारी श्री मनोज अग्रवाल ने हरियाणा सरकार द्वारा आज से लॉकडाउन में औद्योगिक इकाइयों को दी जाने वाली छूट को छलावा करार देते हुए कहा की सरकार छूट के नाम पर छोटे व्यापारियों को सब्जबाग दिखाने का काम कर रही है। कोरोना महामारी की वजह से पहले से ही आर्थिक संकट झेल रहे लघु एवं मध्यम व्यापारियों से साथ सरकार का ऐसा बर्ताव बेहद ही निराशाजनक है। उन्होंने बताया की आज जब ट्रांसपोर्ट की सारी सुविधाएं बंद हैं तो औद्योगिक इकाइयों को खोलने का क्या औचित्य बनता है? क्योंकि व्यापारी फैक्ट्री चलाने के लिए कच्चा माल लाएगा कहाँ से और तैयार किया हुआ माल अपने गंतव्य तक पहुंचाएगा कैसे ? जब सरकार ने औद्योगिक इकाइयों से जुड़ी हुई बुनियादी गतिविधियों पर कोई निर्णय लिया ही नहीं है तो इसका फायदा व्यापारियों को कैसे मिलेगा, यह सोचने वाली बात है। श्री मनोज अग्रवाल ने आगे कहा की उपरोक्त समस्त बातों को दरकिनार कर अगर सरकार द्वारा जारी दिशा- निर्देशों और औद्योगिक इकाइयों को खोलने की शर्तों व उसकी प्रक्रिया पर ही बात करें तो वह इतनी जटिल है की छोटे व्यापारी तो दूर की बात हैं, बड़े- बड़े औद्योगिक घराने भी इन जटिल प्रक्रियाओं और भारी- भरकम शर्तों को बमुश्किल ही पूरा कर पाएंगे। सरकार को यह बताना चाहिए की जब ट्रांसपोर्ट सिस्टम ही बंद है तो काम करने वाले मजदूर और कर्मचारी कैसे आएंगे और जाएंगे? इसके साथ ही कर्मचारियों और मजदूरों को वर्कशॉप के अंदर ही रखना और उनके खाने- पीने का इंतज़ाम करना बेहद ही मुश्किल काम है। एक तरफ तो सरकार ने व्यापारियों के लिए किसी भी प्रकार के आर्थिक पैकेज का एलान न करके वैसे ही उनकी कमर तोड़ने का काम किया है और अब इन सरकारी जटिल प्रक्रियाओं ने व्यापारियों का मनोबल और गिरा दिया है।
हम भाजपा सरकार से यह मांग करते हैं की अगर उसकी मंशा वाकई में औद्योगिक इकाइयों को राहत देने की है तो तत्काल प्रभाव से उनके लिए ट्रांसपोर्ट सिस्टम के विकल्प तलाशे जाएं और परमिशन की जटिल प्रक्रिया को आसान किया जाए। सरल पोर्टल पर स्वीकृति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए और व्यापारियों के लिए तत्काल एक हेल्पलाइन की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही कोरोना महामारी और लॉकडाउन से हुए नुकसान से उभरने हेतु हरियाणा के सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों को बिजली कनेक्शन पर लगाया जा रहा फिक्स्ड चार्ज खत्म किया जाए, केवल उपयोग के आधार पर ही बिल लिया जाए। इन उद्योगों द्वारा लिए गए बैंक लोन पर भी 6 महीनों के लिए ब्याज माफ़ी की छूट मिले। ESIC के अर्तगत आने वाले कर्मचारियों के वेतन को गैर कार्य अवधि के लिए ESIC विभाग से कम से कम 50 प्रतिशत भुगतान किया जाए। SIDBI की सेफ स्कीम में सभी उद्योगों को शामिल किया जाए। इस बारे में हरियाणा सरकार बिना किसी विलंब के दिल्ली में बैठी केंद्र सरकार के साथ मिलकर एक ठोस योजना बनाए।