लॉकडाउन के 35 दिन बाद बड़ी राहत। विभिन्न राज्यों में फंसे हुए प्रवासी मजदूर, छात्र और पर्यटक अब अपने घरों को जा सकेंगे।
लाकडाउन के पहले चरण से लेकर अब तक दुसरे चरण तक पहुँचने तक प्रवासी मजदूरो के उग्र व्यवहार और कई जगह प्रदर्शन की घटना वही कई राज्यों द्वारा हो रही मांग के बाद केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के बीच प्रवासियों को अब अपने अपने गांव जाने की अनुमति दे दी है। बुधवार को केंद्र सरकार ने इसको लेकर खाका भी तैयार कर लिया है। यानी अलग अलग राज्यों मे फंसे मजदूर, छात्र, तीर्थयात्री, पर्यटक सड़क मार्ग से अपने घर लौट सकते हैं। लेकिन इसके लिए राज्यों के बीच आपसी सहमति होनी चाहिए और नोडल अधिकारी के जरिए ऐसे यात्रियों और समूहों को एक राज्य से भेजा जाएगा और दूसरे राज्य में उन्हें प्रवेश दिया जाएगा। इसके तहत वापसी के दौरान दो जगह पर स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुजरना होगा और 14 दिन क्वारंटीन में भी रहना होगा।
- सभी राज्य और केंद्र शासित राज्य सरकारें मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों को घर भेजे जाने के लिए नोडल अथॉरिटी गठित करें। यही अथॉरिटी अन्य राज्य सरकारों के साथ बातचीत करके फंसे हुए लोगों को भेजने और उन्हें वापस बुलाने का काम करेगी। अथॉरिटी की जिम्मेदारी होगी कि वह फंसे हुए लोगों का रजिस्ट्रेशन कराएं।
- अगर कहीं पर कोई समूह फंसा हुआ है और वह अपने मूल निवास स्थान जाना चाहता है तो राज्य सरकारें आपसी सहमति के साथ उन्हें छूट दे सकतीं हैं।
- फंसे हुए लोगों की पूरी तरह से मेडिकल जांच होगी। बगैर लक्षण वाले को ही यात्रा करने की अनुमति दी