15 अक्तूबर से उद्योगों के लिए जनरेटर चलाने पर लगाई गई पाबंदी पर पुनःविचार करे , या फिर रोजाना 20 घंटे बिजली देने की व्यवस्था करें सरकार । फरीदाबाद उद्योग
बिजली की उपब्धता और प्रदूषण नियंत्रण वास्तव में एक दूसरे से संबंधित है। ऐसे में जनरेटर सैटों पर रोक प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में ठोस कदम तो हो सकते हैं परंतु इसके साथ-साथ आवश्यकता इस बात की है कि बिजली आपूर्ति को सुनिश्चित किया जाए।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जे पी मल्होत्रा ने 15 अक्तूबर से उद्योगों के लिये जनरेटर सैट चलाने पर लगाई गई पाबंदी पर विचार व्यक्त करते हुए आगे कहा कि यदि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम उद्योगों को 20 से 22 घंटे प्रतिदिन बिजली उपलब्ध कराए तो जनरेटर सैटों को चलाने की आवश्यकता ही नहीं है।
वही इसके अलावा कई उद्योगों से जुड़ी एसोसिएशन ने इस आदेश के लिए सरकार के सामने पुनःविचार के लिए अनुरोध किया है। एफआईए के प्रधान बी आर भाटिया, एफसीसीआई के प्रधान एच के बत्रा, महासचिव आशीष जैन आईएमएसएमई आफ इंडिया के चेयरमैन राजीव चावला, हरियाणा ब्राइट स्टील बार एन्ड वायर मैनुफेक्चरिंग एसोसिएशन के प्रधान अजय जुनेजा ,पूर्व प्रधान आईएमटी पप्पूजीत सिंह सरना, सहित कई उद्योगिक संगठनों ने इस फरमान का विरोध किया है। और सरकार से कहा है कि या तो हमे बिजली विभाग रोजाना 20 घंटे बिजली दे । या फिर इस आदेश को वापस ले । हमारी सरकार से निवेदन है। संगठनों ने कहा है कि हम भी चाहते हैं कि प्रदूषण का लेवल कम रहे । फरीदाबाद स्वच्छ रहे प्रदूषण रहित रहे। लेकिन जनरेटर चलना उद्योग की मजबूरी है। बिजली पूरी नही मिलती हम क्या करे। हमे मजबूरी में जनरेटर चलना पड़ता है। इसलिए डीसी यशपाल यादव से निवेदन है कि वह पुनः विचार करे।
जेपी मल्होत्रा ने प्रदूषण संबंधी नियंत्रण के लिये किये जा रहे उपायों को जहां आवश्यक करार दिया वहीं चेयरमैन भूरे लाल से आग्रह किया कि वह बिजली वितरण निगम को आदेश दें कि वह बिजली की उपलब्धता को सुनिश्चित करें।
श्री मल्होत्रा ने बताया कि इस संबंध में ईपीसीए के श्री पार्थ कुमार के साथ हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, फरीदाबाद नगरनिगम और आईएमएसएमई आफ इंडिया ने एक बैठक भी हुई।
औद्योगिक प्रतिनिधियों के अनुसार यदि विद्युत वितरण निगम उद्योगों को बिजली उपलब्ध नहीं कराता और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जनरेटर चलाने की अनुमति नहीं देता तो इससे उद्योगों मेें उत्पादन ठप्प हो जाएगा। कहा गया है कि इससे लॉकडाउन के दुष्प्रभाव से उबरने का प्रयास कर रही इंडस्ट्री को गहरा आघात पहुंचेगा, साथ ही बेरोजगारी तथा उत्पादन संबंधी समस्याओं के साथ-साथ राजस्व प्रभावित होगा जिससे बचा जाना चाहिए। औद्योगिक प्रतिनिधियों ने कहा कि न्यूनतम वेतन में बढ़ौतरी के बाद अब जनरेटर सैटों पर रोक वास्तव में उद्योगों के लिये काफी दुखद निर्णय है।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सलाहकार श्री एम पी रूंगटा ने बताया कि उद्योग सोलर पावर का प्रयोग करते हैं तो वह काफी महंगी पड़ती है जबकि पीएनजी के लिये की गई खुदाई से सडक़ों की दशा गंभीर बन रही है और मिट्टी के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। श्री विजय राघवन ने कहा कि डीएलएफ इंडस्ट्रीयल एरिया की कई सडक़ें पिछले दो वर्ष से लटकी हुई हैं।
श्री मल्होत्रा ने ईपीसीए चेयरमैन श्री भूरे लाल से आग्रह किया कि वह फरीदाबाद नगर निगम तथा बिजली वितरण निगम को निर्देश दें कि वे बिजली की उपलब्धता व सडक़ों की हालत को सुधारने पर कार्य करें।
एसोसिएशन के उपप्रधान श्री एस के बत्तरा ने बताया कि उद्योग सोलर पावर प्लांट तथा पीएनजी के लिये कार्य कर रहे हैं। श्री पार्थ कुमार ने विश्वास दिलाया कि सडक़ व डस्ट संबंधी समस्या पर निगमायुक्त डा0 यश गर्ग व उपायुक्त श्री यशपाल यादव से विचार विमर्श किया जाएगा।