शहर के कई बड़े प्राइवेट स्कूल अपने पेरेंट्स पर ट्यूशन फीस के अलावा एनुअल चार्ज, कंप्यूटर फीस जमा कराने के लिए दबाव डाल रहे हैं।
हाईकाेर्ट की डबल बेंच द्वारा दिए गए फैसले पर शिक्षा निदेशक पंचकूला द्वारा स्कूलों को दिए गए निर्देशों का प्राइवेट स्कूलों पर कोई असर नहीं है। ग्रैंड कोलंबस स्कूल सहित अन्य कई स्कूल प्रबंधक अपने पेरेंट्स पर ट्यूशन फीस के अलावा एनुअल चार्ज, कंप्यूटर फीस आदि फंडों में तिमाही आधार पर फीस जमा कराने के लिए दबाव डाल रहे हैं ऐसा न करने पर ₹100 प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना करने की बात कह रहे हैं।
हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने स्कूलों की इस मनमानी पर नाराजगी प्रकट करते हुए चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर संजय जून को पत्र लिखकर ऐसे दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने सभी पेरेंट्स से कहा है कि वे सिर्फ गत वर्ष की ही बिना बढ़ाएगी ट्यूशन फीस मासिक आधार पर जमा कराएं इसके अलावा अन्य किसी फंड में एक भी पैसा ना दें जो स्कूल प्रबंधक अन्य फंडों की मांग कर रहे हैं उनके नोटिस को लगाकर चेयरमैन एफएफआरसी के पास लिखित में शिकायत दर्ज कराएं और उसकी एक प्रति मंच के जिला कार्यालय चेंबर नंबर 56 जिला कोर्ट फरीदाबाद में भी दें।
मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिवकुमार जोशी ने कहा है कि हाईकोर्ट ने यह भी फैसला दिया है कि स्कूल प्रबंधक अपने सभी अध्यापकों व स्टाफ को वही पूरी तनख्वाह दें जो वे मार्च 2020 से पहले दे रहे थे लेकिन मंच की जानकारी में आया है कि अभी भी स्कूल प्रबंधक अपने अध्यापक व स्टाफ को कोई भी तनख्वाह नहीं दे रहे हैं या आधी अधूरी दे रहे हैं। मंच ने ऐसे पीड़ित अध्यापकों व स्टाफ से भी कहा है कि वह भी इस बारे में चेयरमैन एफएफआरसी को शिकायत करें। कैलाश शर्मा ने कहा है कि हाईकोर्ट ने 7 महीने की स्कूलों की ऑडिटेड बैलेंस शीट कोर्ट में 15 दिन के अंदर जमा कराने के लिए कहा था उसका भी पालन स्कूल वालों ने नहीं किया है।
मंच ने पेरेंट्स से कहा है कि वे पहले से ज्यादा जागरूक व एकजुट होकर प्राइवेट स्कूलों की प्रत्येक मनमानी का बिना किसी डर के खुलकर विरोध जारी रखें और मंच का साथ दें।
मंच ने चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडलायुक्त फरीदाबाद संजय जून को लिखे पत्र में यह भी मांग की है कि जिन प्राइवेट स्कूल संचालकों ने अभिभावकों से बढ़ी हुई ट्यूशन फीस, ट्रांसपोर्ट, एनुअल चार्ज व अन्य फंडों में फीस वसूल ली है उसे वापस कराए जाए या आगे के महीनों की फीस में एडजस्ट कराया जाए। इसके अलावा जिन स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास दी ही नहीं है और उन्होंने अपने पेरेंट्स से फीस वसूल ली है उनसे भी पेरेंट्स को फीस वापस कराई जाए।
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