मानव रचना इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी (एमआरआईयू) ने नैटवर्किंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, एनालिटिक्स व कंप्यूटिंग टेक्नोलॊजी पर किया नैशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन
citymirrors-news-शुक्रवार को मानव रचना इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी (एमआरआईयू) में 2 दिवसीय नैशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। नैशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन नैटवर्किंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, एनालिटिक्स व कंप्यूटिंग टेक्नोलॊजी पर किया जा रहा है। कॉन्फ्रेंस का आयोजन यूनिवर्सिटी के फैकल्टी आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के द्वारा किया गया। कान्फ्रेंस का उद्देश्य विषय पर स्टूडेंट्स, फैकल्टी, रिसर्चकर्ता व इंडस्ट्री एक्सपर्ट की बीच जानकारी का आदान प्रदान करना रहा।इस मौके पर अपने स्वागत संबोधन में मानव रचना इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ एन.सी.वाधवा ने कहा कि मानव रचना अपने स्टूडेंट्स को आधुनिक जानकारी देने के साथ साथ बाजार की हर आधुनिक जानकारी से अपडेट करता है, इसी के चलते समय-समय पर इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है, ताकि स्टूडेंट्स इंडस्ट्री की मांग के अनुसार तैयार होते रहे। इस तरह भारत सरकार के स्किल इंडिया लक्ष्य के तरह
स्किल्ड वर्कफोर्स भी तैयार हो पाएगा। जिन विषयों पर कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है, वह ऐसे क्षेत्र है जो कि इस समय की मांग के साथ उभर रहे। ऐसे में आने वाले समय में स्टूडेंट्स को इन क्षेत्रों में उज्जवल भविष्य की राह मिल सकती है।वहीं इस मौके पर कॉन्फ्रेंस के मुख्य अतिथि एचसीएल टेक्नोलॊजिस की वीपी श्री संदीप मल्होत्रा ने फ्लिपकार्ट, पेटीएम, शोपक्लूज, ओला कैब्स, गूगल आदि कंपनियों के बिजनेस करने की शक्ति के बारे में बताया और इनके विकास में तकनीक की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आज की मार्केट डाटा, यूजर के अनुभव पर आधारित है। उन्होंने डाटा सैट, सोफ्टवेयर डिफाइंड नैटवर्क, आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस टू बिल्ड एप्लीकेश्नस, एमर्जेन्ट जॉब्स इन क्लाउड मोडर्नाइजेशन, मेनटेनेंस एंड स्पोर्ट आदि पर भी प्रकाश डाला।इस मौके पर 50 रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए गए। इनमें से चुने गए पेपर इंटरनैशनल जर्नल आफ इंफ्रमेशन टेक्नोलाजी, वैब इंजीनियरिंग, इंटरनैशनल जर्नल आफ एडवांस्ड मीडिया एंड कप्यूनिकेशन जैसे जर्नल में पब्लिश होंगे।कार्यक्रम में एमआरआईयू एफईटी के डीन व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रोफेसर (डॉ.) एम.के.सोनी व डिपार्टमेंट आफ सीएसई के हैड व प्रोफेसर डॊ. सुरेश कुमार ने तेजी से बदलती तकनीक पर अपने विचार रखे