सब डिवीजन के मुद्दे पर नगर निगम आयुक्त से मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन फरीदाबाद व इंडस्ट्रियल एरिया वेलफेयर एसोसिएशन का डेलिगेशन मिला
फरीदाबाद। प्रमुख औद्योगिक संगठन मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन फरीदाबाद व् इंडस्ट्रियल एरिया वेलफेयर एसोसिएशन ने फरीदाबाद नगर निगम व हरियाणा सरकार के समक्ष स्पष्ट किया है कि औद्योगिक प्लाटों को रेगुलाईज करने की प्रक्रिया में डेवलपमैंट चार्जिज के नाम पर 5100 रूपये प्रति गज का शुल्क नहीं दिया जाएगा।यहां नगर निगम आयुक्त श्री यशपाल यादव व नगर निगम, सीटीपी श्री धर्मपाल जी से मिले प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि प्रति वर्गगज 5100/- रूपये की मांग अव्यावहारिक व अतर्कसंगत है। एमएएफ के महासचिव श्री रमणीक प्रभाकर ने कहा कि पहले अधिकतम 250 ,300 व 500 रूपये प्रति गज का चार्जिज उद्यमी से लिया गया है परंतु 5100/- रूपये प्रति वर्गगज कहना ही तर्कहीन है।जिसका हम कड़ा विरोध करते है।
श्री प्रभाकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पहले जो चार्जेज लिए गए है उद्यमी उसी हिसाब से भुगतान करेंगे और इस संबंध में पहले भी सरकार के समक्ष स्थिति स्पष्ट की जा चुकी है।श्री प्रभाकर ने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि सरकार कोविड के कारण गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे उद्योगों को ऐसे सभी प्रकार के चार्जिज से मुक्त रखती, परंतु इसके विपरीत जो भारी-भरकम चार्जिज मांगे जा रहे हैं उद्योग उन्हें देने की स्थिति में नहीं है। कहा गया है कि यदि इतने भारी-भरकम चार्जिज उद्योगों को देने पड़े तो उन्हें इसके लिये अपनी जमीनें तक बेचनी पड़ेंगी जोकि सरकार की उद्योग हितैषी नीतियों के विरूद्ध है।
निगमायुक्त ने एमएएफ प्रतिनिधिमंडल को विश्वास दिलाया कि इस संबंध में वे उद्योगों की मांग के विरूद्ध हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर वास्तुस्थिति से अवगत कराएंगे और सरकार के आदेशों अनुसार ही अगली कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
श्री प्रभाकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पहले जो चार्जेज लिए गए है उद्यमी उसी हिसाब से भुगतान करेंगे और इस संबंध में पहले भी सरकार के समक्ष स्थिति स्पष्ट की जा चुकी है।श्री प्रभाकर ने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि सरकार कोविड के कारण गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे उद्योगों को ऐसे सभी प्रकार के चार्जिज से मुक्त रखती, परंतु इसके विपरीत जो भारी-भरकम चार्जिज मांगे जा रहे हैं उद्योग उन्हें देने की स्थिति में नहीं है। कहा गया है कि यदि इतने भारी-भरकम चार्जिज उद्योगों को देने पड़े तो उन्हें इसके लिये अपनी जमीनें तक बेचनी पड़ेंगी जोकि सरकार की उद्योग हितैषी नीतियों के विरूद्ध है।
निगमायुक्त ने एमएएफ प्रतिनिधिमंडल को विश्वास दिलाया कि इस संबंध में वे उद्योगों की मांग के विरूद्ध हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर वास्तुस्थिति से अवगत कराएंगे और सरकार के आदेशों अनुसार ही अगली कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
प्रतिनिधिमंडल में सर्व श्री ऋषि त्यागी, तेजीश प्रभाकर, सुनील सचदेवा, पुष्पेन्द्रसिंह, गगन धीमान, संजय सचदेवा ,जगदीश शर्मा ,नेहा भूटानी की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। ज्ञातव्य रहे इससे पूर्व भी एसोसिएशन इस मुद्दे को पूर्व निगमायुक्त व सरकार के समक्ष रख चुकी है। एसोसिएशन के प्रधान स0 सुखदेव सिंह ने विश्वास व्यक्त किया है कि सरकार उद्योगहित में भावी निर्णय लेगी और इससे संबंधित वर्गों को राहत मिलेगी।