सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल में किया गया वर्कशॉप का आयोजन
CITYMIRRORS-NEWS-आज सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल में कार्यशाला का आयोजन किया गया I जिसका मुख्य विषय था – शिक्षा को सृजनात्मक और रूचिपूर्ण बनाना I इस कार्यशाला की मुख्य अतिथि और वक्ता श्रीमती इरा सहगल थी I इनकी योग्यता एम.ए. तथा बी.एड है I इन्होने 1981-84 तक उच्च स्टार पर अध्यापन कार्य किया I 1998 से श्रीमती सहगल मधुबन पब्लिकेशंस में कार्यरत हैं I इसके साथ ही ये कई अन्य संस्थाओं से जुड़कर शिक्षण की नई नीतियों एवं शिक्षण को बेहतर बनाने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन कर रही हैं I श्रीमती सहगल ‘स्पेक्ट्रम ग्रोथ’ कंपनी की प्रबंध निदेशक हैं I जिसके द्वारा कई शिक्षण कार्यक्रम चलाएं जाते हैं I इन शिक्षण कार्यक्रमों में आत्मविकास , सम्प्रेषण कौशल, शिक्षण सुधार आदि विषयों को शामिल किया जाता है I जोकि शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच में अध्यापन कार्य को रूचिपूर्ण और सृजनात्मक बनाने में सहायक है स्कूल में आयोजित की गई इस कार्यशाला में इन्होने शिक्षकों को कक्षा में अध्यापन कार्य के दौरान आने वाली समस्याओं को दूर करने का सृजनात्मक एवं रुचिपूर्ण तरीका बताया तथा शिक्षण को और प्रभावपूर्ण बनाने के लिए नई नीतियों का प्रयोग सिखाया ताकि बच्चे उस विषय को भली भाँति समझे और अपने
विचार अभिव्यक्त करें I इसमें इन्होने कक्षा में उपस्थित सभी प्रकार के बच्चो के साथ तालमेल बनाना सिखाया | सभी प्रकार के बच्चो को धयान में रखकर अपने शिक्षण को किस प्रकार प्रभावशाली बनाया जाये उसके तरीके सुझाये और कई उदाहरणों द्वारा बच्चो की समस्याओ को उजागर करते हुए उनका समाधान करने का तरीका बताया | अंत में इन्होने शिक्षको को अपने द्वारा प्रस्तुत नीतियों द्वारा शिक्षण को प्रभावपूर्ण बनाने के लिए प्रेरित किया स्कूल के निदेशक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता श्री सत्येंद्र भड़ाना एवं प्रधानचार्या श्रीमती देबजानी सेन गुप्ता ने आयोजित कार्यशाला की सराहना करते हुए सभी शिक्षकों को अपनी शिक्षण विधियों को नए सिरे से प्रारम्भ करके शिक्षण कार्य को अत्यंत प्रभावपूर्ण बनाने हेतु प्रेरित किया |स्कूल के निदेशक श्री सत्येंदर भड़ाना ने कहा कि कार्यशाला सभी शिक्षकों के लिए अनिवार्य है इसलिए सभी शिक्षको को इसमें सम्मिलित होना चाहिए |कार्यशाला के द्वारा हमारे अनुभव और विचारो का विकास होता है | हमे स्वयं को प्रतिदिन हो रहे बदलाव से अवगत करते रहना चाहिए तभी हम बच्चो को सही मार्गदर्शन दे सकते है |