ताकि श्रमिकों को ईएसआई एवं पीएफ का पूरा लाभ मिल सके। पंकज अग्रवाल
राज्य में उद्योग प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया के अभियान का अंग बनकर उत्पादन कर रहे हैं जिनमें फरीदाबाद का नम्बर एक कहा जा सकता है। प्रधान संजीव खेमका।
CITYMIRRORS-NEWS-हरियाणा के श्रमायुक्त लेबर कमिश्रर पंकज अग्रवाल ने कहा है कि श्रम विभाग में ई एवं ऑन लाईन सर्विस पूर्णतया लागू हो चुकी है। इसमें जो कमियां हैं वह भी दूर कर ली जाएगी और ३१ जुलाई के बाद कोई भी आवदेन या रिटर्न केवल ऑन लाईन प्रक्रिया से ही स्वीकार होगी। अग्रवाल फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की एक इंट्रैक्टिव मीट में सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। आपने उद्योग प्रबंधकों से अनुरोध किया कि लेबर विशेषकर ठेकेदार संबंधी पूरा डाटा लोड करें ताकि श्रमिकों को ईएसआई एवं पीएफ का पूरा लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि फैक्ट्री लाईसैंस या बिल्डिंग प्लान के आवदेनों पर एतराज केवल एक बार और वह भी दो-चार दिन के भीतर ही लगाए जाएं ताकि समय पर लाईसैंस जारी किया जा सके। पुरानी चल रही फैक्ट्रियों के लाईसैंस नवीनीकरण में नाममात्र कमियों को मुद्दा बना कर लाईसैंस पर एतराज न लगाने पर आपने जोर देते हुए कहा कि बिल्डिंग प्लान में सरलीकरण किया जायेगा और अन्य विभागों की एनओसी को रूकावट नहीं बनने का प्रयास किया जायेगा।श्रम सुधारों के संबंध में आपने बोलते हुए कहा कि इस संबंध में हरियाणा विधानसभा से प्रस्ताव पास होकर केंद्र को भेजा जा चुका है, वहां से मंजूरी मिलते ही श्रम सुधार लागू कर दिये जायेंगे।श्रमायुक्त महोदय ने विभाग द्वारा नोटिस से पूर्व काल की बढ़ी हुई वसूली व लाईसैंस फीस वापिस करने के संबंध में एक मास में निर्णय लेने का आश्वासन देते कहा कि नोटिस से पूर्व आवेदन करने वाले व बढ़ी हुई फीस देने वालों को राहत मिलनी ही चाहिए।फैक्ट्री लाईसैंस व बिल्डिंग प्लान संबंधी ऑन लाईन स्वीकृति (मंजूरी) ३० दिन में मिल जाये, ऐसी व्यवस्था मोनीटर करने हेतु कदम उठाए जाएंगे। उन्होंन श्रमिक-ठेकेदार का लाईसैंस प्रक्रिया सरल बनाने व इन्सपैक्शन संबंधी विसंगतियां दूर करने का आश्वासन भी दिया।
इससे पूर्व एसोसिएशन के नवनिर्वाचित प्रधान संजीव खेमका ने श्रमायुक्त व अन्य अतिथियों का स्वागत करते कहा कि पंकज अग्रवाल के प्रयास स्वरूप श्रम विभाग में प्रशासन को कारपोरेट की तर्ज पर लाने का प्रयास किया जा रहा है जो सराहना का विषय है। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योग प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया के अभियान का अंग बनकर उत्पादन कर रहे हैं जिनमें फरीदाबाद का नम्बर एक कहा जा सकता है। ईज आफ डुईंग बिजनेस के लिये यह आवश्यक है कि लाईसैंस प्रक्रिया सरल एवं पारदर्शी हो और उद्योग प्रबंधक एवं कर्मचारी बिना तनाव के कार्य करें। एसोसिएशन के इंडस्ट्रीयल रिलेशन एवं सुरक्षा पैनल के अध्यक्ष पी के सलवान ने अपने एजेन्डे में १७ फरवरी १९१७ को लाईसैंस फीस की बढ़ौतरी के नोटिस से पहले आवेदन कर चुके संस्थानों से बढ़ाकर वसूली गई लाईसैंस फीस वापिस करने, ऑनलाईन फैक्ट्री लाईसैंस एवं बिल्डिंग प्लान आवेदनों पर एतराज लगा कर निपटारा लेट करने को रोकने के लिये आवेदन निपटान में प्रक्रिया छोटी करने, इन्सपैक्शन से विसंगतियां दूर करने, इंसपैक्शन के दौरान मामूली एतराज नजरअंदाज करने कन्ट्रैक्टर लाईसैंस प्रक्रिया सरल बनाने, श्रम सुधार लाने, श्रम विभाग द्वारा एवेयरनैस कार्यक्रम चलाने लेबर वैलफेयर फंड में बिना लाभ के योग्य कर्मचारियों में कटौती न करने ईएसआई सेवा में सुधार करने की मांगे रखी। कार्यकारिणी सदस्य एच एस भूटानी ने लाईसैंस की बढ़ौतरी पर प्रश्र उठाते कहा कि आठ सौ रूपये बढ़ाकर १६ हजार रूपये लाईसैंस फीस कर देना उद्योगों के साथ अन्याय है। इस पर श्रमायुक्त का कहना था कि यह बढ़ौतरी २० वर्ष बाद की गई है और आज भी न्यूनतम फीस १५०० रूपये और अधिकतम एक लाख आठ हजार रूपये संस्था के आकार अनुसार लगाई गई है। एसोसिएशन के कार्यकारी निर्देशक कर्नल एस कपूर ने कहा कि इन्सपैक्शन में संस्थान को हैजर्ड बताकर मामला उलझा दिया जाता है जिसका बहुत प्रयास करने व देर के बाद निपटारा होता है अत: इन्सपैक्शन अधिकारी की ट्रेनिंग होनी चाहिए कि वह ऐसा न करें। धन्यवाद प्रस्ताव एस एस सरोत डिप्टी चेयरमैन आई आर एवं सुरक्षा पैनल ने प्रस्तुत किया। मींटिंग में सर्वश्री नरेंद्र अग्रवाल, राज भाटिया, के बी सचदेव सहित उप श्रमायुक्त एवं अन्य श्रम विभाग के अधिकारी व श्री अरविन्द कपूर अतिरिक्त निर्देशक इंडस्ट्रीयल सेफटी एवं हैल्थ एवं श्री अशोक अग्रवाल अतिरिक्त श्रमायुक्त एनसीआर क्षेत्र व अन्य श्रम विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।