वाईएमसीए विश्वविद्यालय का नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु के नाम पर होगाः मुख्यमंत्री
CITYMIRRORS-NEWS-मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बेशक मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार वाईएमसीए विश्वविद्यालय आये है। लेकिन वाईएमसीए से उनका पुराना नाता रहा है। वर्ष 1980-81 केे दौरान उनका यहां कई बार आना होता था और वे यहां नैतिक शिक्षा की क्लास लगाने आते थे। जर्मन संस्थान होने के कारण कई मौकों पर उन्हें संस्थान में प्रवेश करने में परेशानी का सामना भी करना पड़ता था लेकिन जब 1996 में सरकार ने इसे अपने आधीन ले लिया तो उनको ऐसी किसी दिक्कत का सामना करना नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद शहर के साथ उनकी पुराने यादें रहीं है।विज्ञान प्रदर्शनी में पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रोजेक्ट एवं मॉडल्स के परिणाम इस प्रकार हैः स्कूल (जूनियर) श्रेणी में विज्ञान पर आधारित प्रोजेक्ट्स के लिए मॉडन डीपीएस स्कूल के दीपक व विशाल कटियाल को उनके प्रदूषण मुक्त परिवहन प्रणाली के लिए पहला पुरस्कार, टैगोर अकादमी के मनन, लक्ष्य, मनीष, प्रशांत, प्रथम व अक्षित के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के प्रोजेक्ट को दूसरा पुरस्कार तथा डीपीएस ग्रेटर फरीदाबाद के लवन्या, अगस्त्या व अत्रिजा के प्रोजेक्ट को तीसरा पुरस्कार दिया गया।इसी प्रकार, कॉलेज (सीनियर) श्रेणी में विज्ञान पर आधारित प्रोजेक्ट्स के लिए डीएवी कालेज, फरीदाबाद की नीलम, मीनाक्षी शर्मा, अभिषेक व विकास यादव को उनके प्लास्टिक फ्यूल मॉडल को पहला, जीजीडी एसडी कालेज, पलवल के पवन, प्रताप व हिमांशु को उनके स्वस्थ व जागरूक भारत प्रोजेक्ट के लिए दूसरा तथा केएल मेहता कालेज, फरीदाबाद की आकांक्षा व अंकिता को उनके एयर प्यूरिफायर प्रोजेक्ट के लिए तीसरा पुरस्कार दिया गया।कॉलेज (सीनियर) श्रेणी में प्रौद्योगिकी पर आधारित प्रोजेक्ट्स के लिए वाईएमसीए विश्वविद्यालय के रिशभ व चेतन को रोबोटिक आर्म व मिनी क्रेन के लिए पहला, बीएसए अनंगपुरिया, फरीदाबाद के नीरज, सोनम, पंकज, शिखा व गजेन्द्र को टॉयलेट के रखरखाव को लेकर उनके प्रोजेक्ट के लिए दूसरा तथा श्रीराम कालेज, पलवल के नवीन व योगेश को उनके हाइड्रोलिक आर्म प्रोजेक्ट के लिए तीसरा पुरस्कार दिया गया है