पर्यावरण व सामाजिक जागरूकता के लिए काम करने वाले विद्यार्थियों को मिलेगा प्रोत्साहनः विपुल गोयल
CITYMIRRORS-NEWS-हरियाणा के उद्योग, वाणिज्य तथा पर्यावरण मंत्री श्री विपुल गोयल ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए पत्रकारिता के विद्यार्थियों को शार्ट फिल्म अथवा डाक्यूमेंट्री जैसे प्रोजेक्ट पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया तथा कहा कि ऐसे किसी भी प्रोजेक्ट को उनके विभाग द्वारा वित्तपोषित किया जायेगा। गोयल आज वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद तथा विश्व संवाद केन्द्र, हरियाणा के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन एवं फिल्मोत्सव के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिष्ठाता संस्थान डॉ. संदीप ग्रोवर ने की। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू, प्रांत प्रचारक विजय कुमार, विश्व संवाद केन्द्र, हरियाणा के सचिव राजेश गोयल तथा कुलसचिव डॉ. एस.के. शर्मा भी उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री विपुल गोयल ने अपने स्वैच्छिक कोष से पांच लाख रुपये घोषणा की।एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण तथा स्मॉग की समस्या पर गंभीर चिंता जताते हुए पर्यावरण मंत्री ने कहा कि मीडिया तथा फिल्म के माध्यम से दिये जाने वाले संदेश समाज में परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभाते है। उन्होंने हाल में आई शॉर्ट फिल्म ‘कार्बन’ का भी जिक्र किया तथा कहा कि यदि पत्रकारिता के विद्यार्थी पर्यावरण अथवा सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरूकता लाने के लिए ऐसे किसी प्रोजेक्ट पर काम करते है तो उनके प्रोजेक्ट की फंडिंग उनके विभागों के माध्यम से की जायेगी। उन्होंने विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन पर शुभकामनाएं दी। गोयल ने कहा कि तेजी से बढ़ रहे डिजिटल मीडिया ने पारम्परिक मीडिया के लिए चुनौतियां पैदा की है लेकिन समाचारों की प्रमाणिकता एवं विश्वसनीयता के मामले में पारम्परिक मीडिया आज भी अहम स्थान रखता है। इसलिए, मीडिया से जुड़े लोगों का उत्तरदायित्व बढ़ जाता है। उन्होंने पत्रकारिता के विद्यार्थियों को तथ्यों पर आधारित रिपोर्टिंग करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में जिस तरह से मीडिया ट्रायल का चलन शुरू हो गया है, वह स्वस्थ पत्रकारिता के लिए ठीक नहीं है, जिससे परहेज किया जाना चाहिए।इससे पूर्व अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रो. संदीप ग्रोवर ने विश्वविद्यालय की पृष्ठभूमि, चलाये जा रहे कार्यक्रमों तथा भावी योजनाओं का ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद विश्वविद्यालय ने शिक्षा की उच्च गुणवत्ता को बनाये रखा है, जिसकी बदौलत विश्वविद्यालय को नैक ‘ए’ ग्रेड तथा एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया है। उन्होंने बताया कि इस माह के अंत तक राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) की टीम विश्वविद्यालय का दौरा करेंगी तथा विश्वविद्यालय के तकनीकी पाठ्यक्रम का मूल्यांकन करेंगी। सत्र को संबोधित करते हुए प्रांत प्रचारक विजय कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया के कारण आज प्रत्येक व्यक्ति पत्रकारिता से जुड़ गया है। सूचनाओं के तेजी से होते बहाव के कारण विभिन्न समाचारों को लेकर अलग-अलग नजरिये देखने को मिलते है और असमंजस की स्थिति पैदा हो जाती है। इसलिए जमीनी स्तर पर तथ्यों की जांच एवं रिपोर्टिंग तथा समाचार के प्रति संवेदनशीलता एवं सकारात्मक दृष्टिकोण बेहद जरूरी है।उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राजेश गोयल ने विश्व संवाद केन्द्र की गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि आगामी वर्ष फरवरी, 2018 में केन्द्र द्वारा फिल्म उत्सव तथा विद्यार्थियों के लिए एक सप्ताह की मीडिया कार्यशाला के आयोजन की योजना है। उन्होंने चिंता जताई कि खबरों को लेकर भागदौड़ के कारण मीडिया में स्पॉट रिपोर्टिंग का चलन खत्म होता जा रहा है जबकि समाचारों की प्रमाणिकता एवं विश्वसनीयता के लिए जरूरी है कि मीडिया कर्मी घटना स्थल पर जरूर पहुंचे और विभिन्न स्रोत्रों से मिलनी वाली जानकारी की विश्वसनीयता की पड़ताल करें। हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने डिजिटल मीडिया के प्रसार पर अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि डिजिटल व सोशल मीडिया के विस्तार से पत्रकारों के लिए नई चुनौतियां आई है और इन चुनौतियों का सामना करने के लिए पत्रकारिता से जुड़े लोगों को भी विभिन्न स्तरों पर कौशल विकास की आवश्यकता है।कार्यक्रम को सम्मेलन के संयोजक डॉ. अभिषेक गोयल ने भी संबोधित किया तथा सम्मेलन के उद्देश्य एवं विषय पर विस्तार से जानकारी दी। सत्र के समापन पर कुलसचिव डॉ संजय कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय की वार्षिक पत्रिका ‘दर्पण’ तथा सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन किया गया। सम्मेलन में उपस्थित सभी अतिथियों को स्मृति स्वरूप पौधा भेंट किया गया। दो दिवसीय सम्मेलन में लगभग 200 से ज्यादा प्रतिभागी शोध पत्र, लेख, शार्ट फिल्म, डॉक्यूमेंट्री तथा फोटोग्राफ प्रस्तुत करेंगे।इस अवसर पर प्रांत कारवा डॉ. डी.पी. भारद्वाज, सह-संपर्क प्रमुख गंगा शंकर मिश्र, संजय कौशिक तथा विश्वविद्यालय के पदाधिकारी, प्रतिभागी तथा काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।