शहीदों के आश्रितों बच्चों के शिक्षा भत्ते में कटौती शहीदों का अपमान।धर्मबीर भड़ाना
CITYMIRRORS-NEWS-रक्षा मंत्री द्वारा शहीदों के आश्रितों या युद्ध में दिव्यांग हुए जवानों को उनके बच्चो को मिलने वाले शिक्षा भत्ते को अधिकतम 10,000 हजार मिलने का प्रावधान तय किया है, जिसकी पहले कोई अधिकतम सीमा नहीं थी, सरकार ने इसकी अधिकतम सीमा तय कर शहीदों को अपमानित किया है, जो एक निंदनीय फैसला है और आम आदमी पार्टी इसका पुरजोर विरोध करती है। ,इस तरह के फैसले देश के जवानों की शहादत का अपमान है, जिससे उनका उत्साह कम होता है। केन्द्र सरकार का यह फैसला अपने ही देश के जवानों का मनोबल कम करने वाला कदम है। जिस जवान ने अपने प्राण तक देश की सुरक्षा के लिए तन्यौछावर किये हैं, आज उसी जवान के बच्चो को केंद्र सरकार के इस फैसले की वजह से शिक्षा के लिए तरसना पडेगा। जबकि देश को ऐसे जवानों के बच्चों की शिक्षा का भार खुद केंद्र सरकार को उठाना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा अवसर उनके बच्चो को मिलना चाहिए ताकि देश के जवानों को अपने परिवार की चिंता न रहे और उनका पूरा ध्यान देश की रक्षा एवं देश सेवा में तत्पर रहे। आप नेता धर्मबीर भड़ाना ने कहा कि केन्द्र सरकार को उनके भत्ते में कटोती करने की बजाय इसको बढाना चाहिए था। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की है कि वो जल्द से जल्द काले कानून के फैसले को वापिस ले।