मेट्रो अस्पताल के डाक्टरों ने की ब्रिटिश नागरिक की उच्च जोखिम हार्ट सर्जरी
CITYMIRRORS-NEWS-सेक्टर-16ए स्थित मेट्रो अस्पताल के अनुभवी डाक्टरों ने एक 79 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक की उच्च जोखिम हार्ट सर्जरी करके उसे नया जीवन दिया है। लंदन सिटी निवासी 79 वर्षीय श्री घनी सदून ट्रिपल वैसल डिसीज, गुर्दे की बीमारी एवं पहले से ही ब्रेन स्ट्रोक से पीडि़त थे। सीने में दर्द की शिकायत के रहते वह मेट्रो अस्पताल में दाखिल हुए। उन्होंने लंदन में एनएचएस के एक विशिष्ट अस्पताल में कोरोनरी एंजियोग्राफी करवाई, जहां उन्हें ट्रिपल वैसल बीमारी का रोगी पाया गया। इसके साथ ही वह गुर्दे की बीमारी से भी पीडित़त थे, जिसके रहते हृदय रोग विशेषज्ञ ने उन्हें बाईपास सर्जरी करवाने की सलाह दी। डाक्टरों ने मरीज की एंजियोप्लास्टी नहीं की। उनकी उम्र एवं अन्य बीमारियों के चलते बाईपास सर्जरी कठिन हो सकती थी इसलिए वह थोडा डरे हुए थे। उसी दौरान मरीज ने इंटरनेट के द्वारा ये जानकारी प्राप्त की कि भारत में वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एस.एस. बंसल, अत्यधिक जटिल एंजियोप्लास्टी करते है तथा एक इराकी महिला की हृदय, ब्रेन तथा किडनी की एंजियोप्लास्टी कर उसे बचाया था। इससे उन्हें कुछ राहत मिली और उम्मीद भी कि वो शायद अपनी तकलीफों से अब बच जाएंगे। भारत में रहने वाले अपने रिश्तेदारों एवं सगे संंबंधियों के सलाह के बाद उन्होंने मेट्रो हृदय संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एस.एस. बंसल से तुरंत संपर्क किया तथा इलाज यहां कराने का निर्णय लिया। मरीज ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए डा. बंसल को बताया कि वे बाईपास नही करवाना चाहते है। डा. बंसल ने उन्हें समझाया कि उनके केस में एंजियोप्लास्टी एक चुनौतीपूर्ण एवं मुश्किल कार्य है क्योंकि उनकी स्थिति के अनुसार अधिक उम्र व गुर्दे की बीमारी के चलते यह काफी कठिन कार्य था। जांच के उपरांत पता चला कि उनकी बाई आटर्री में कई हार्ड ब्लॉक थे। सभी जांचों एवं उनकी गुर्दे की बीमारी की स्थिति थोड़ी संभलने के पश्चात डा. बंसल एवं उनकी टीम ने एंजियोप्लास्टी करने का फैसला किया। आप्रेशन के दौरान मरीज को 4 ड्रग कोटिड स्टेंट सफलतापूर्वक लगाए गए। सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति अब स्थिर है और वह बहुत खुश है। मरीज को एनएचएस के तहत निशुल्क इलाज की सुविधा प्राप्त हो रही थी लेकिन उन्होंने फिर से भारत आकर, भारतीय डाक्टरों से इलाज करवाने का निर्णय लिया। यह विश्वास दिलाता है कि भारतीय अस्पताल एवं डाक्टर दुनियाभर में अपनी कुशलता के लिए जाने जाते है। डा. बंसल ने कहा कि भारतीय मेडिकल व्यवस्था के लिए यह एक गर्व की बात है कि विकसित देशों के नागरिक भी अपना इलाज यहां आकर करवाना चाहते है। भारत में ऐसा पहली बार हुआ है कि मरीज ने मुफ्त इलाज न करवाकर भारतीय अस्पताल को अपनी गंभीर हृदय रोग के इलाज के लिए चुना। यह हम सब के लिए गर्व की बात है कि भारत एक मेडिकल हब बन चुका है और खासतौर पर फरीदाबाद जो की पूरे एनसीआर में चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणी पंक्ति में है।