डी.ए.वी. शताब्दी कॉलेज में प्रायोजित टीचिंग, लर्निंग एवं इवैल्यूषन विषय पर आधारित राष्ट्रीय सेमिनार आयोजिन किया गया।
CITYMIRRORS-NEWS-डी.ए.वी. शताब्दी कॉलेज में आई. क्यू. ए. सी. द्वारा राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद, बैंगलूर द्वारा प्रायोजित टीचिंग, लर्निंग एवं इवैल्यूषन विषय पर आधारित राष्ट्रीय सेमिनार आयोजिन किया गया। कार्यकर्म को आरम्भ करते हुए सेमिनार निदेशक एवं कॉलेज प्राचार्य डॉ आहूजा ने बताया की इस सेमिनार का उदेश्य शिक्षा एवं मूल्यांकन नीति की नई सम्भावनाओं के विषय में शिक्षाविद एवं नीति निर्माताओं के विचारों एवं दृष्टिकोण को एक ही मंच पर चर्चा करना है। इस सेमिनार के माध्यम से एक ऐसी मार्गदर्शिका तैयार करने की कोशिस की जा रही है जोकि प्रभावी शिक्षण-अध्ययन अनुभवों के माध्यम से विभिन्न पृष्टभूमियों एवं सुक्षमताओं के विद्यार्थियों को लाभानिवत करा सके।सेमिनार की संयोजिका डॉ ज्योति राणा एवं डॉ सुनीति आहूजा ने कारकर्म के विषय परिचय करवाते हुए कहा की इस सेमिनार में भारत के विभिन्न जगहों से कम से कम 250 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें स्कूल,कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर ‘टीचिंग, लर्निंग एवं इवैल्यूषन’ में विभिन्न मुद्दों चुनौतियों और सुझावों के संबंध में 50 रिसर्च पेपर प्रस्तुत किये गये है ।उद्घाटन सत्र में डॉ नसीब सिंह गिल, विभागअध्य्क्ष कंप्यूटर साइंस, एम् डी यु, रोहतक, डा. एस. के. महापत्रा, निर्देषक, जयपुरिया स्कूल ऑफ बिजनेस, गाजियाबाद, प्रोफेसर एम. एस. तुरन, डीन फैकल्टी ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमैण्ट एस. जी. टी. विश्वविद्यालय , गुरूग्राम एवं प्रोफेसर एस. के. बेदी, प्रोफेसर एंड डीन- एफ. सी. बी. एस. मानव रचना इंटरनेशनल इन्स्टीटयूट ऑफ रिसर्च एण्ड स्टडीज, फरीदाबाद ने मुख्य रूप से अपने विचार रखे | डॉ गिल ने कहा कि डिजी़टलाइजेषन को भी टीचिंग, लर्निंग प्रोसेस का सरलीकृत करने के रूप में देखा जाना चाहिए।