नगर निगम के बाहर 35 दिनों से एक अधिकारी धरने पर बैठा है। लेकिन सरकार है कि मनाती ही नहीं।
CITYMIRRORS-NEWS-भ्रष्टाचार विरोधी मंच ने निग्मायुक्त सहित नगर निगम प्रशासन को यह चुनौती दी है कि वह यह बताये कि निगम की व्यवस्थाओं में से कौन सी एक व्यवस्था सही है। सफाई, सीवर, पानी की निकासी, पार्क, स्टीट लाईट, सड़क, कराधान सहित सभी व्यवस्थायें चरमराई हुई है। मंच के संयोजक अनशनकारी बाबा रामकेवल और सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता डा. ब्रहमदत्त ने आज यहां आरोप लगाया कि निगम में व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं है और कुछेक अपवादों को छोड़कर केवल लूट तंत्र हावी है और निगम अधिकारी रतन लाल रोहिल्ला व सिविल सोसायटी के लोग पिछले 35 दिनों से नगर निगम के बाहर धरने पर बैठे हैं, पर सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। जांच करवाना तो दूर नगर निगम की आयुक्त भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने की खातिर भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम की सी.आई.डी. करवाने में लगी हुई है, वह स्वयं और इसके मातहत अधिकारी आंदोलन को सहयोग कर रहे ईमानदार अधिकारियों को प्रताडि़त करने व धमकी देने में लगे हुए हैं।बाबा रामकेवल व पदमश्री ने आरोप लगाया कि पिछले अनेकों सालों से अधिक समय से कन्टीजैंट सैंक्शनज के नाम पर अरबों रूपये के व्यारे न्यारे हुए हैं। उन्होंने कहा कि नियमानुसार बिना टैंडर के न तो किसी प्रकार की खरीद फरोख्त की जा सकती है और न ही किसी प्रकार के विकास कार्य करवाये जा सकते हैं लेकिन नगर निगम में नियमों व कानूनी की धज्जियां उड़ाकर के पिछले बीसियों सालों से क्योटेशन के आधार पर बहुत बड़ा घोटाला हुआ है और इसमें निगम कें बड़े-बड़े अधिकारियों के साथ-साथ आडिट/लेखा शाखा विभाग के अधिकारी भी सीधे तौर से सम्मिलित हैं।