भाजपा के विधायकों की नाराजगी एक प्रायोजित ड्रामा था। सीएम
citymirrors-news-भाजपा के विधायकों की नाराजगी एक प्रायोजित ड्रामा था। यह केवल विपक्ष को अपने जाल में फंसाने के लिए किया गया था। राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपनी पार्टी के विधायकों की अफसरशाही के प्रति व्यक्त की गई नाराजगी को महज एक ड्रामा मानते हैं। जी-हां ये हम नहीं कह रहे, बल्कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का ऐसा ही मानना है। रविवार की रात को सूरजकुंड फरीदाबाद में आयोजित किसान मेले में शिरकत करने आए मनोहर लाल ने विधायकों की नाराजगी को अपने शब्दों में कुछ इस तरह से बयान किया। पत्रकारों द्वारा भाजपा विधायकों की नाराजगी के संदर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि उनके विधायक नाराज नहीं हैं। बल्कि यह एक प्रायोजित नाराजगी थी, ताकि विपक्ष पर जाल बिछाया जा सके। यह कहकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल इससे अधिक सवालों का जवाब देने की बजाए विधायकों की नाराजगी को ड्रामा करार देकर रवाना हो लिए। इस मौके पर प्रेस वार्ता में उनके साथ बल्लभगढ़ के भाजपा विधायक मूलचंद शर्मा, पृथला के बसपा विधायक टेकचंद शर्मा सहित कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ एवं मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा भी मौजूद थीं। यहां बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह बयान नाराज विधायक मूलचंद शर्मा एवं बसपा विधायक टेकचंद शर्मा की मौजूदगी में दिया। अपने बयान के बाद सभी हंस दिए और प्रेसवार्ता को समाप्त कर डिनर के लिए रवाना हो गए। हरियाणा के करीब 16 विधायक सरकार की कार्यप्रणाली एवं अफसरशाही की निरकुंश कार्यप्रणाली के प्रति गहरी नाराजगी जता चुके हैं। इन विधायकों में मूलचंद शर्मा एवं टेकचंद सबसे उग्र रूप में दिखाई दिए। गुडगांव के भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल सहित उनके साथी विधायकों ने सबसे पहले नाराजगी का अभियान आरंभ किया, जिसे बल्लभगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा एवं टेकचंद शर्मा ने पूरी हवा दी। इन विधायकों ने तो भाजपा हाईकमान से मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बदलने की मांग भी की। हालात इस कदर बिगड़े कि नाराज विधायकों को बागी का तमगा तक लगा दिया गया। बागी विधायकों के इस अभियान को कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी पूरा समर्थन दिया। बताया तो यह भी गया है कि भाजपा हाईकमान अमित शाह से इन विधायकों ने मुलाकात की और नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर डाली। हालांकि इस पर क्या निर्णय लिया गया है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पा रहा। मगर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा एवं मणिपुर में सरकार के गठन को लेकर भाजपा हाईकमान इतने व्यस्त हो गए कि वह हरियाणा के विधायकों की नाराजगी पर अधिक ध्यान केंद्रित नहीं कर पाए। चर्चा तो यहां तक भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छोडक़र पार्टी हाईकमान अमित शाह, हरियाणा के प्रभारी अनिल जैन , हरियाणा के अनेक मंत्री एवं विधायक सहित अनेक बड़े अधिकारी भी मुख्यमंत्री से नाराज है्रं। कहा जा रहा है कि ठोस विकल्प ना होने की वजह से अभी तक इस दिशा में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। देखना अब यह है कि मुख्यमंत्री ने जिस प्रकार से भाजपा के कथित बागी विधायकों की नाराजगी की हवा निकाली है, उसकी एवज में ये विधायक मुख्यमंत्री को क्या और किस प्रकार जवाब देते हैं ?