अवैध रुप से प्लाटिंग कर अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ हो एफ आई आर। अनीता यादव
City mirrors.in- नगर निगग आयुक्त अनीता यादव ने अवैध निर्माणों और अवैध रुप से कारखानों के बडे प्लाटों का सबडिविजन कर बेचने वाले भू माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाते हुए इन लोगों के खिलाफ पुलिस आयुक्त को एक पत्र लिख उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने को कहा है। निगमायुक्त ने इसी संदर्भ में जिला उपायुक्त को भी एक पत्र लिख कर इन प्लाटों की सभी रजिस्ट्रियों को रद्द करने और इन रजिस्ट्रियों को करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा है।
जिला उपायुक्त तथा पुलिस अधिक्षक को लिखे पत्र में निगमायुक्त ने कहा है कि उनको फील्ड स्टाफ की रपट मिली है कि एन आई टी फरीदाबाद के औद्योगिक क्षेत्र के प्लाट नम्बर एक दो व तीन पर पिछले दिनों मे न केवल अवैध रुप से प्लाटिंग हो रही है बल्कि बिना कानून सबडिविजन किए इन कारखानों के बडे बडे प्लाटों को छोटे छोटे टुकडो में एकाधिक बार बेच दिया गया है और उनकी रजिस्ट्री भी बिना नगर निगम की एन ओ सी के सबंधित तहसील से हो गई हैं।
उल्लेखनीय है कि इस संदर्भ में बल्लभगढ जोन के संयुक्त आयुक्त ने जुलाई 2018 में भी थाना प्रभारी मुजेसर को भी एक पत्र लिखा है जिसमें इसी तरह के आरोप लगाते हुए बताया गया है कि इन प्लाटों को वेवक्त अब अवैध निर्माण का काम भी हो रहा है, इस कारण इन सभी लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की जाए। अब निगमायुक्त ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस आयुक्त को यह पत्र लिखा है और यहां पर अवैध रुप से गैरकानूनी तरह से सबडिविजन करने वालों और अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को कहा है। यही नहीं निगमायुक्त श्रीमती अनीता यादव ने जिला उपायुक्त को लिखे अपने पत्र में उन सबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की है जिनके कार्यकाल में यह गैरकानूनी रजिस्ट्रियां हुई हैं। यहां पर यह भी विचारणीय है कि निगम क्षेत्र में किसी प्रकार की भी रजिस्ट्री से पहले निगम से एन ओ सी लेना जरुरी सरकार ने किया हुआ है, लेकिन तहसीलदार मिलीभगत कर बिना एन ओ सी के रजिस्ट्री कर देते हैं जो अवैध निर्माण करने वालों तथा सबडिविजिन करने वालों को सहायक सिद्ध होते हैं। ल ेकिन निगमायुक्त की आज की इस कार्रवाई के बाद इस धंधे में लगे लोगों में दहशत का आलम है तथा अब उनको यह लगने लगा है कि वेशक उन्होंने ले दे कर अपनी गैर काूननी रुप से विभाजित जमीन की रजिस्ट्री करा ली हो पर उनके खिलाफ कार्रवाई बाद में भी हो सकती है।