रोटरी ब्लड बैंक में कुछ ग्रुप्स का रक्त खत्म होने की सूचना मिलते ही संस्थापक सदस्य एवं संरक्षक एस एस बांगा ने रक्तदान शिविर लगाकर 50 यूनिट रक्त बैंक को दिया।
CITYMIRR0RS-NEWS-रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद-आस्था व ईस्ट ने विक्टोरा टूल इंजीनियर्स प्रा.लि. के सहयोग से रक्तदान शिविर लगाया। जिसमें 50यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। शुक्रवार, को रोटरी ब्लड बैंक ने सूचित किया कि बैंक में कुछ ग्रुप्स का रक्त बिल्कुल खत्म हो चुका है। इस पर एस एस बांगा ने तत्काल मदद की और इतने कम वक्त में ही उन्होंने अपने फैक्ट्री परिसर रक्तदान शिविर लगाने की व्यवस्था कर दी। इस रक्तदान शिविर लगाने पर क्लब तहे दिल से धन्यवाद किया । और कहा की हम उनके तहे दिल से आभारी हैं, उनकी इस सहायता की वजह से रोटरी ब्लड बैंक में खत्म हो चुके ग्रुप्स में कई यूनिट रक्त की पूर्ति हो गई। इस शिविर में एस एस बांगा के पुत्र और विक्टोरा कंपनी के डायरेक्टर सतबीर सिंह बांगा ने भी रक्तदान किया। इस मौके पर बातचीत के दौरान सतबीर सिंह बांगा ने बताया की वह कॉलेज टाइम से ही रेगुलर रक्तदान कर रहे है। अब तक वह 15 से भी ज्यादा बार रक्तदान कर चुके है। उन्हने बताया की इसकी प्रेरणा उनको अपने पिता सतेंदर सिंह बांगा से मिली है। जो की समाज में दुसरो की मदद के लिये हमेशा आगे रहते है। रक्तदान महादान , इससे बढ़कर समाज में और कोई बड़ी सेवा नही हो सकती। मुझे अपने पिता जी पर गर्व है। वह समाज की भलाई और किसी की जान बचाने के लिये इस अभियान को आगे बड़ा रहे है और लोगों को भी प्रेरित कर रहे है। और में भी उनके नक्शे कदम पर चलकर समाज की भलाई के लिये हमेशा ही आगे रहने के लिये प्रयासरत रहता हूं। शिविर में रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद-आस्था व ईस्ट ने इस मौके पर एस एस बांगा एवं कंपनी के फाइनेंस हैड सीएस सुनील अग्रवाल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद-ईस्ट की तरफ से प्रधान रो सीए तरुण गुप्ता इस मौके पर उपस्थित थे। रोटरी डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर 3011-ब्लड डोनेशन रो एच एल भुटानी जी भी इस मौके पर उपस्थित रहे। रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद-आस्था से पूर्व प्रधान रो नीरज भुटानी एवं सचिव रो दीपक प्रशाद भी उपस्थित रहे।इस मौके पर रोटरी ब्लड बैंक के संस्थापक सदस्य एवं संरक्षक एस एस बांगा ने यह वादा किया है कि वे साल में 12 कैम्प लगाएंगे और हर महीने एक कैम्प आयोजित करवाएंगे। जिससे कि वे ब्लड बैंक के संचालन में अपना पहले सेे भी ज्यादा योगदान दे सके