सावधान ! जानलेवा हो सकता है हीट स्ट्रोक
CITYMIRRORS-NEWS- हीट स्ट्रोक एक ऐसी अवस्था है जो आपातकाल की स्थिति कहलाती है। इस अवस्था में अधिक धूप और गर्मी के कारण व्यक्ति के शरीर का तापमान बढऩे लगता है। इसका सीधा असर दिमाग पर होता है। व्यक्ति के शरीर की बनावट ऐसी होती है कि कि बढ़ते तापमान में शरीर की गर्मी पसीने के रूप मे बाहर निकलती रहती है, लेकिन हीट स्ट्ऱोक की स्थिति में ऐसा नहीं होता और शरीर का तापमान लगातार बढ़ता रहता है। ऐसे में अगर कोई घरेलू उपचार करके तापमान को कम न किया जाए और डॉक्टर की मदद न ली जाए तो व्यक्ति बेहोश हो सकता है और यह स्थिति जानलेवा हो सकती है। गर्मी के दिनों में लंबे समय तक धूप में काम करने या खड़े रहने से चक्कर आना, उल्टी या मतली आना, अचानक तेज बुखार हो जाना और रक्तचाप का कम होना हीट स्ट्रोक के लक्षण हैं। ऐसी कोई भी स्थिति होने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए या फिर प्राथमिक उपचार करना चाहिए, ताकि समय पर हीट स्ट्रोक के दुष्प्रभाव को रोका जा सके। एशियन अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉ. आशु अरोड़ा ने बताया कि गर्मी के दिनों में लंबे समय तक धूप में काम करने या खड़े रहने से शरीर में पानी की कमी और डीहाईड्रेशन से दिमाग पर असर पड़ता है। इससे व्यक्ति बेहोश हो सकता है। जो जानलेवा हो सकता है। इसलिए बच्चे, व्यस्क और बुजुर्ग सभी को पानी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। हीट स्ट्रोक के कारण शुगर लेवल घट जाता है। डॉ. आशु का कहना है कि ऐसे लोग जो हृदय रोगी , शुगर और रक्तचाप के मरीज हैं या फिर इनसे संबंधित दवाएं ले रहे हैं उन्हें हीट स्ट्रोक से बचाव करना चाहिए। धूप में खासकर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक बाहर निकलने से बचें, अगर किसी कारणवश बाहर निकलना पड़ रहा है तो टोपी, छाता, सनगलासिस, ढ़ीले और पूरी बाजू के कपड़े पहनकर निकलना चाहिए। थोड़ी-थोड़ी देर के बाद और जितना हो सके उतना अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। कुछ लोग केवल प्यास लगने पर ही पानी पीते हैं इससे शरीर में पानी की पूर्ति नहीं हो पाती। पानी की कमी भयावह स्थिति उत्पन्न करती है। नींबू पानी, शरबत, नारियल पानी, फ्रूट जूस आदि तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। तेज धूप में बाहर निकलने से बचना चाहिए। तरबूज, खरबूज, संतरा, लीची, खीरा जैसे रसीले फलों का सेवन करना चाहिए। छाछ व दही हीट स्ट्रोक में बहुत ही प्रभावकारी होते हैं। अगर कोई व्यक्ति हीट स्ट्रोक का शिकार होता है तो उसके सिर और छाती पर ठंडे पानी की पट्टियां रखनी चाहिए, ताकि हीट स्ट्रोक के दुष्प्रभाव से कुछ हद तक बचाया जा सके।