कांग्रेस नेताओं का दर्द आज आखिर सामने आ ही गया।
Citymirrors.in-लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद हरियाणा में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में हो रही सर फुटव्वल के बाद अब संगठन से जुड़े कांग्रेसी नेताओं ने आलाकमान से मांग की है कि प्रदेश में व्याप्त इस गुटबाजी को समाप्त कर सभी नेताओं को एकता के सूत्र में पिरो जिला एवं ब्लाक कमेटियां का गठन कर विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाना चाहिए। कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव में मिली हार का कारण लम्बे समय से जिलास्तर पर संगठन खड़ा न होना मुख्य रुप से शामिल होना पाया गया है इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तुरंत हरियाणा पर ध्यान देकर कांग्रेस की मजबूती के लिए सख्त कदम उठाने का काम करें।कांग्रेसियों का यह दर्द कांग्रेस प्रवक्ता विकास चौधरी द्वारा आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में खुलकर सामने आया। सम्मेलन में कांग्रेस के जिला प्रभारी एवं प्रदेश महासचिव मोहम्मद बिलाल उटावड़, प्रदेश महासचिव एवं रेवाड़ी के प्रभारी प्रदीप जैलदार, टोहाना से विधानसभा चुनाव लड़े कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवेंद्र बबली, कांग्रेस किसान मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश भड़ाना, असंगठित कामगार कांग्रेस हरियाणा के चेयरमैन ज्ञानचंद आहुजा महिला कांग्रेस की जिला महामंत्री मधु सिंह आदि कांग्रेसी मुख्य रुप से मौजूद थे।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विकास चौधरी ने खुलकर कहा कि प्रदेश के शीर्ष नेताओं में व्याप्त अह्म की लड़ाई एवं गुटबाजी को लेकर कांग्रेसी नेताओं का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है क्योंकि कांग्रेस के शीर्ष नेता कांग्रेस को मिली करारी हार से भी सबक नहीं ले रहे है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद इस बात पर मंथन होना चाहिए कि किस प्रकार से कांग्रेसजनों में नई जान फूंकते हुए आने वाले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की जा सके। लेकिन आज वह बड़े आहत है कि कांग्रेस में इस बात पर मंथन नहीं हो रहा कि हारी हुई बाजी को फिर से जीत में कैसे बदला जाए बल्कि कांग्रेस के इन शीर्ष नेताओं में बैठकों के नाम पर एक दूसरे को नीचा दिखाकर पद हासिल करने की होड़ लगी है, जिससे वर्षाे से कांग्रेस के लिए कार्य कर रहे जमीनी स्तर के कार्यकर्ता सदमे में है। उन्होंने कहा कि लम्बे समय से जिला और ब्लाक स्तर पर कांग्रेस का गठन ही नहीं हुआ है इसलिए कांग्रेस आलाकमान को चाहिए कि वह यह पता करें कि आखिरकार प्रदेशाध्यक्ष डा. अशोक तंवर जिला और ब्लाक स्तर पर संगठन क्यों नहीं खड़ा कर पाए। यह कारण जानना अति आवश्यक है। कांग्रेस के इन वरिष्ठ पदाधिकारियों ने खुलकर कहा कि हैरानी की बात है कि कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष नगर निगम चुनाव में कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पार्टी सिम्बल पर चुनाव लडऩे की बात कहते है वहीं इस ऐलान के बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं द्वारा इस निर्णय को बदल दिया जाता है। जबकि दूसरी ओर कांग्रेस के डेलीगेट एवं पदाधिकारियों की सूची जारी कर दी जाती है और दूसरे दिन उस पर बैन लगा दिया जाता है, उससे प्रदेश के लोगों में एक भ्रम पैदा हो गया है कि आखिर हरियाणा में कांग्रेस को चला कौन रहा है।कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वह इस मांग को लेकर जल्द ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एवं हरियाणा के प्रभारी गुलाम नबी आजाद से भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान पहले इन सभी नेताओं को एकता का पाठ पढ़ाए और अगर फिर जो भी नेता नहीं माने, उस पर सख्त कार्यवाही करे ताकि लोगों के विश्वास को फिर से जीता जा सके।