कांग्रेस प्रदेश सचिव ने की बिजली दरों में वृद्धि की कड़ी भर्तस्ना
CITYMIRRORS-NEWS-हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सुमित गौड़ ने प्रदेश की खट्टर सरकार द्वारा बिजली की दरों में की गई वृद्धि की कड़ी भत्र्सना करते हुए इसे सरकार का जनविरोधी निर्णय करार दिया है। उन्होंने कहा कि पहले से महंगाई की मार झेल रही जनता पर बढ़ी हुई बिजली की दरें लागू करके उनकी जेबों पर डाका डालने का काम किया है। यहां जारी एक प्रेस बयान में श्री गौड़ ने कहा कि एक तरफ केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल स्वयं यह बात कहते हैं कि इससे अब बिजली का उत्पादन बहुत सस्ता हुआ है। जब सारे देश में बिजली सस्ती है तो फिर दूसरी ओर हरियाणा में बिजली महंगी क्यों की गई ? प्रदेश में बिजली की दरें बढऩे से यहां नए उद्योग लगना तो बहुत दूर की बात है जो यहां पहले से लगे हुए हैं वे भी यहां से पलायन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार फ्यूल सरचार्ज एडजेस्टमेंट (एफएसए) के खेल में बिजली की दरें बढ़ा सकती है और सरकार ने वही जनविरोधी फैसला किया है। सरकार कहती है कि उन्होंने एक जुलाई से 28 पैसे प्रति यूनिट सरचार्ज घटा दिया और अब 37 पैसे ही एफएसए रह गया है। उन्होंने कहा कि एफएसए किस बात का जब बिजली ही ज्यादातर बाहर से प्राइवेट बिजली कंपनियों से ली जा रही है और अपने प्लांट तो अधिकतर समय बंद ही रहते हैं। ऐसे में एफएसए लेने का तो प्रश्र ही पैदा नहीं होता? कांग्रेस के प्रदेश सचिव ने कहा कि यह सरकार प्राइवेट बिजली कंपनियों से और कई महंगे पावर प्रचेज एग्रीमेंट (पीपीए) करके बिजली उपभोक्ताओं की कमर तोडऩा चाहती है, जबकि खुद सरकार यह दावा करती है कि बिजली सरप्लस है, लेकिन ग्रामीण उपभोक्ताओं को मुश्किल से दो घंटे ही बिजली मिलती है। उन्होंने कहा कि बिजली की दरों में भारी वृद्धि करके सीएम जनता के बीच में झूठे साबित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि 25 से 50 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी होने से महंगाई और अधिक बढ़ेगी तथा इससे व्यापारियों, उद्यमियों और घरेलू उपभोक्ताओं पर इसका भारी असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों के कुप्रबंधन की मार उपभोक्ता क्यों वहन करे? बिजली की दरों में की गई वृद्धि से आज प्रदेश के 58 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं लेकिन सरकार को जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं है।