डी.ए.वी. कॉलेज के इतिहास विभाग द्वारा एक दिवसीय गोष्ठी – कश्मीर मंथन
CITYMIRRORS-NEWS-एन.एच.-3 स्थित डी.ए.वी. शताब्दी महाविद्यालय के इतिहास विभाग द्वारा कश्मीर मुददे पर एक दिवसीय मन्थन का आयोजन किया गया। इस बौद्धिक मन्थन में मुख्य अतिथि के रुप में प्रो. जावेद अहमद, अध्यक्ष, इतिहास विभाग, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली ने षिरकत की। आधुनिक इतिहास के मर्मष विद्वान प्रो.जोवद द्वारा लम्बे समय से कष्मीर मुददे पर षोध किया गया है। इसी षोध के परिणाम स्वरुप कष्मीर समस्या पर उनकी 03 शोध पुस्तकें भी छप चुकी हैं। इस गोश्ठी की अध्यक्षता कालेज प्राचार्य डाॅ.सतीष आहूजा जी ने की।कश्मीर समस्या पर इस मन्थन का आयोजन डी.ए.वी. कालेज के इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो.दिनेष चन्द्र कुमेड़ी के संयोजन में किया गया। कालेज के इतिहास एसोसिएषन के अन्तर्गत लगभग 180 छात्र-छात्राओं ने इस मंथन में सक्रिय भागीदारी की। विद्वान वक्ताओं के अतिरिक्त इतिहास विभाग के छात्र-छात्राओं ने इस विशय पर बडे संजीव, विचारणीय एवं बौद्धिक प्रष्न उठाये एवं अपने विचार भी साझा किये।प्रो. जावेद अहमद ने मध्यकाल से कश्मीर के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए महात्मा गांधी के भारतीय राजनीति में प्रवेश, मुस्लिम लींग की स्थापना और सांम्प्रदायिकता का तांडव, भारत में चुनावी राजनीति का आगाज पर प्रकाश डालते हुए फारूक अबदुल्ला के दादा द्धारा 1931 मुस्लिम कांफ्रेस की स्थापना फिर 1939 फिर उसे नेषनल कांफ्रेस में बदलना, गांधी द्धारा पहली बार 1 अगस्त 1947 को श्रीनगर जाना, सितम्बर 1947 को पाकिस्तान द्धारा कबाइलियों के वेष में अपनी सेना को कष्मीर में भेजना 01 जनवरी 1948 को नेहरू द्धारा कष्मीर मुददे को यू. एन. ओ. में ले जाना, फारूक अबदुल्ला का कष्मीर के एक प्रभावषाली नेता के रूप में उदय, कष्मीर के षताब्दियों से चले आ रहे राज घराने के षासक राजा हरि सिंह को कष्मीर छोड़कर बम्बई निवास के लिए मजबूर होना, सन् 1956 में षेख अबदुल्ला को जेल, 17 सितम्बर 1956 को कष्मीर के लिए अलग संविधान का निर्माण आदि अनेक पहलुओं एवं मुद्दो पर विस्तृत प्रकाष डाला। प्रो. जावेद अहमद ने कष्मीर में अमन षांति और भारत संघ का अंग बनाये रखने के लिए वहां संविधान की धारा 370 को बनाये रखने की दलील दी। इसके बाद उन्होनें दर्जनो छात्रों एवं प्रध्यापको प्रष्नों के सजीव उत्तर दिए।कार्यक्रम की षुरुआत करते हुए प्राचार्य डाॅ.सतीष आहूजा ने विद्वान वक्ता प्रो. जावेद अहमद का पुश्पाहार देकर स्वागत किया। इतिहास विभाग के अनेक छात्र-छात्राओं ने भी उनका स्वागत किया। मंच संचालन करते हुए आज की विचार गोश्ठी का आगाज करते हुए इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. दिनेष चन्द्र कुमेड़ी ने भारत विभाजन की पृश्ठभूमि, 565 भारतीय रियासतो की स्थिति, गृहमन्त्री सरदार पटेल द्वारा 362 राज्यों का विलय, अन्य 3 राज्यों के षासकों एवं जनता की मनोदषा एवं स्थिति, पाकिस्तान द्वारा 1947 में कवाइली घुसपैठ एवं आक्रमण, राजा हरि सिंह द्वारा कष्मीर का भारत में षर्तिया विलय आदि मुद्दों को संक्षिप्त तरीके से रखा।इस संगोश्ठी में कालेज के अनके प्राध्यापर्को डा.सविता भगत, डा.सुनीति आहूजा, डा. षुभ दर्षन, प्रो. मुकेष बंसल, प्रो. अरुण भगत, डा. डी. पी. वैध, डा. जितेन्द्र धुल, डा. नरेन्द्र दुग्गल आदि ने अपने विचार साझा किये। इतिहास विभाग के छात्र-छात्राओं जिन्होंने कष्मीर समस्या एक मन्थन मुददे पर अपने विचार रखे, उनमे यषपाल षर्मा, विषाल गिरि, याषिका, दीपाली, सोनाली, सृश्ठि, तनिश्क, सागर, इकरार, सीमा, राहुल, लिखेन्दर, अमनप्रीत, यामिनी, सिमरन, नन्दिनी, ध्रुव, जावेद, भूपेन्दर आदि ने अपने विचार रखे।