CITYMIRRORS-NEWS-विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर-2 में दीपावली उत्सव का आयोजन धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ किया गया। इस अवसर पर बच्चों ने दियों और दिल से दीपावली मनाने का संदेश दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए स्कूल के चेयरमैन धर्मपाल यादव ने सभी को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीपावली रोशनी और उल्लास का पर्व है, शोर और धुएं का नहीं। त्योहार मनाइए, पर अपनी सेहत, सुरक्षा और दूसरों को अनदेखा करके नहीं। पौराणिक गाथाओं से लेकर भारतीय संस्कृति में दीपों के त्योहार दीपावली को सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्रीराम वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे। श्रीराम के आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने खुशियां मनाई थीं। इस दिन रोशनी से पूरा जग चमक उठा था। लेकिन आज के दौर में दीपावली का मतलब बम-पटाखों के अलावा कुछ नहीं रहा। लोग खुशियों का इजहार बम-पटाखे फोडक़र करते हैं। दीपावली खुशियों का पर्व है, दीयों को जगमग करने का त्योहार है और सभी कड़वाहटों को मिटाकर अपनों के गले मिलने, बड़ों से आशीष लेने का दिन है। इसे पटाखों के शोर में गुम न होने दें। उत्सव में बच्चों ने विभिन्न प्रकार के सांस्कृति कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। ग्रेड 2 और 3 के बच्चों ने नृत्य नाटिका के द्वारा दिल से दीपावली मनाने का संदेश दिया। प्रेप के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने विभिन्न माध्यमों से दीपावली की जानकारी दी तो नर्सरी के बच्चों ने ‘हैपी दीवाली’ गाने पर सुंदर और मनभावन प्रस्तुति दी जिसने सबका मन मोह लिया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल के डॉयरेक्टर दीपक यादव ने कहा कि जरूरी नहीं है पटाखे जलाकर ही दीपावली मनाई जाए। देश में ही नहीं, विदेश में भी रहने वाले कई भारतीय भी अलग तरीके से दीपावली मनाना पसंद करते हैं। कई लोग घर में मिठाइयां बनाते हैं, अच्छे पकवान बनाते हैं और पड़ोसियों और अपने नाते-रिश्तेदारों को घर पर बुलाकर खुशी मनाते हैं। कहते हैं दीपावली और दशहरे पर बुराई का अंत हुआ था। इसलिए अपनी सारी बुरी आदतों को आप भी हमेशा के लिए नमस्कार कर दें। इस दीपावली अच्छी आदतों को अपनाएं। इस अवसर पर स्कूल की डॉयरेक्टर सुनीता यादव एवं हेडमिस्ट्रेस ज्योति चौधरी ने भी सभी उपस्थितजनों को दीपावली की शुभकामनाएं दी और ग्रीन दीवाली मनाने का संदेश दिया।