ईडी के अधिकारी उन्हें लिखित में निल लिखकर कागजात सौंपकर गए है। ललित नागर
CITYMIRRORS-NEWS-तिगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेसी विधायक ललित नागर ने उनके भाई महेश नागर के निवास पर ईडी द्वारा की गई छापेमारी को पूर्ण रूप से राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार उनकी बढ़ती लोकप्रियता से बौखला रही है, जिसके चलते उनके भाई महेश नागर की आड़ लेकर उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन सत्तापक्ष के यह मसूंबे कभी पूरे नहीं होंगे क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में आज तक कोई भी गलत कार्य नहीं किया है और न ही उनके भाई महेश नागर किसी भी गलत कार्य में संलिप्त है, इस बात का प्रमाण इससे मिलता है कि सुबह 10.30 बजे से सांय 4 बजे तक ईडी के अधिकारियों द्वारा की गई जांच में उन्हें उनके निवास से न तो कोई जमीनी से संबंधित कागजात ही मिले है और न ही कोई सोना-चांदी जेवरात व नगदी उन्हें मिली है तथा बकायदा ईडी के अधिकारी उन्हें लिखित में निल लिखकर उन्हें कागजात सौंपकर गए है।
नागर ईडी जांच उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि सर्च वारंट मेरे भाई महेश नागर के नाम था और वह और उनका भाई एक ही मकान में रहते है, जिसके चलते उनका नाम इस मामले में बेवजह घसीटा गया और करीब 6 घण्टे की इस जांच के दौरान ईडी के अधिकारियों ने मुझसे कोई पूछताछ नहीं की उन्होंने कहा कि असल में भाजपा सरकार के पास अपने द्वारा किए गए किसी विकास के कार्य को बखान करने के लिए तो कुछ है नहीं वह विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा कि विधायक ललित नागर के खिलाफ जब कोई साक्ष्य उन्हें नहीं मिल रहा है तो वह मेरे परिवार को निशाना बनाकर मुझ पर नजायज दबाव बनाने का प्रयास कर रहे है लेकिन वह जमीन से जुड़े व्यक्ति है, वह कभी भी जुल्म व सरकार की ज्यादतियों के समक्ष न झुके है और न कभी झुकेंगे। उन्होंने कहा कि ईडी और सीबीआई भाजपा सरकार की कठपुतली बनकर रह गई है और इनके पास एक कार्य है कि किस तरह से विपक्ष के दमदार नेताओं की आवाज को दबाया जा सके। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए मामले को भी इसी तरह राजनीति से प्रेरित बताया। विधायक ललित नागर ने अपने समर्थकों को आश्वस्त किया है कि वह किसी भी दबाव में आने वाले नहीं है तथा वह पूर्व की भांति जनहित से जुडे मुद्दों को सडक़ से लेकर विधानसभा तक उठाते रहेेंगे बल्कि इस आंदोलन रूपी संघर्ष की धार को और अधिक तेज किया जाएगा।