फरीदाबाद नगर निगम ने दबाव के बाद अरावली स्थित पांच फ़ार्म हाउसों के सीएलयू किए रद्द।
CITYMIRRORS-NEWS-नगर निगम के एसटीपी सतीश पाराशर के निलंबन के साथ ही सूरजकुंड रोड के पांचों फार्म हाऊस / मैरिज गार्डन के एलओआई/ सीएलयू रद्द कर दिए गए हैं।गौरतलब है की सूरजकुंड रोड पर वन प्रतिबंधित क्षेत्र में सीएलयू/ एलओआई देने का मुद्दा काफी समय से चर्चा का विषय बना हुआ था।तमाम मीडिया ने अरावली को उजाडऩे की मुहिम में अपना योगदान दिया। मीडिया में छपी खबरों के आधार पर विधानसभा में कांग्रेस विधायक ललित नागर ने सीएलयू की बंदरबांट का मुद्दा उठाया था । इस पर मुख्यमंत्री को जवाब देने के लिए खड़ा होना पड़ा।विधानसभा में मुद्दा उठने के बाद नगर निगम आयुक्त मोहम्मद शाईन ने इस पर संज्ञान लिया। उन्होंने पांचों मैरिज गार्डन को नोटिस देकर सात दिन में वन विभाग सहित अन्य महकमों से अनापत्ति प्रमाणपत्र लाने के निर्देश दिए। इसी पत्र में एनओसी जमा ना करवाने पर सीएलयू रदद करने के आदेश जारी किए गए थे। आयुक्त के नोटिस के बावजूद इनमें से कोई भी वन विभाग की एनओसी नगर निगम में जमा नहीं करवा पाया। सभी फाईलों का निरीक्षण करने के बाद सोमवार को जहां सरकार ने एसटीपी सतीश पाराशर को निलंबित करने के आदेश जारी किए, वहीं नगर निगम आयुक्त मोहम्मद शाईन ने पांचों सीएलयू/ एलओआई भी रद्द कर दिए। इनमें योगी फार्म, के.के. उज्जवल फार्म अनखीर में हैं, ईडेन गार्डन, खालसा गार्डन व जन्नत फार्म हाऊस मेवला महाराज पुर में स्थित हैं।हालांकि इन सभी को सीएलयू/ एलओआई 30 दिन के लिए इस शर्त पर दिए गए थे कि वह इस अवधि में वन विभाग सहित अन्य महकमों से भी एनओसी लाकर देंगे। इसमें बड़ी चालाकी से एक और शर्त जोड़ दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि जो भी फार्म हाऊस मालिक वन विभाग या अन्य महकमें में एनओसी के लिए आवेदन भी कर देगा और उसका आवेदन यदि इन विभागों से रद्द नहीं होता, तब तक उसका सीएलयू/ एलओआई मान्य रहेगा। इन सभी से शुल्क के तौर पर करीब 11 करोड़ रुपए जमा भी करवा लिए गए थे। लेकिन मीडिया के दवाब में आखिरकार नगर निगम व राज्य सरकार को भ्रष्टाचार के इस बड़े मामले में निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। नगर निगम मेयर सुमन बाला ने सीएलयू रद्द करने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा की बीजेपी के राज में किसी भी किस्म का भ्र्ष्टाचार या मनमानी नगर निगम में बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा की सीएम के आदेश पर यह कार्यवाही नगर निगम कमिश्नर द्वारा की गयी है.