आज से फरीदाबाद आवारा पशु मुक्त जिला घोषित हो गया ; उपायुक्त समीर सरो
CITYMIRRORS-NEWS-हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सतत प्रयासों व आह्वान के फलस्वरूप पूरे प्रदेश सहित जिले में भी शुरू की गई बेसहारा पशु मुक्त योजना पूर्णतः सफल हुई है और अब तक जिले में लगभग पौने चार करोड़ रूपये की लागत से बन कर तैयार की गई छः नई गौशालाओं में कुल १२३३ गायों व नंदियों को संरक्षण के लिए भेजा जा चुका है। आज इस सम्बन्ध में उपायुक्त समीरपाल सरो ने अपने कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित प्रैस कान्फ्रैंस में जिला के प्रिंट एवं इलैक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधियों से रूबरू होते हुए यह जानकारी दी।प्रैस कान्फ्रैंस को सम्बोधित करते हुए सरो ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आह्वान पर यह कार्य नगर निगम, ग्राम पंचायतों व पशुपालन विभाग के अथक प्रयासों से ही सम्भव हो पाया है। भविष्य में भी पशु पालकों एवं जन मानस से भी जिले में इस मिशन के निरन्तर कामयाब होने के लिए सहयोग की अपेक्षा की जाती है। पशु पालन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में कुल ३९१२ बेसहारा पशु/गाय, नंदी व बछड़े-बछड़ी इत्यादि सड़कों पर विचरण करते पाये जाते थे जिन्हें जिले में निर्मित विभिन्न गौशालाओं में पुनर्विस्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले से ही शहर में गौरक्षा सदन मवई, श्रीगौपाल गौशाला, बड़खल-सूरजकुण्ड रोड़ व नन्दीग्राम गौशाला ऊंचा गांव बल्लबगढ़ पूरी क्षमता से चल रही हैं तथा इनमें गौवंश को इस दौरान पुनस्र्थापित किया गया है। इन पुरानी गौशालाओं के अलावा जिला के छः गावों में बनाई गई गौशालाओं में भेजे गए १२३३ गाय व नंदियों के विवरण के अनुसार फज्जूपुर खादर में २०९, नवादा (तिगांव) में ४२२, मोहना में १८०, मोठूका में १७२, भूपानी में १४० तथा तिगांव अधाना पट्टी गौशाला में ११० पशु भेजे गए हैं। जिले में इस वर्ष निर्माणाधीन ७ गौशालाओं में से ये छः शुरू हो गई हैं जबकि पियाला गांव में बनाई जा रही गौशाला का निर्माण कार्य भी ३० नवम्बर-२०१७ तक पूरा हो जायेगा। इनके अलावा आगामी ३१ जनवरी २०१८ तक ग्राम नीमका, सोतई व अरूआ में भी तीन गौशालाओं का निर्माण पूरा होने के उपरान्त जिले में नई गौशालाओं की कुल संख्या १० हो जायेगी।उपायुक्त ने कहा कि उक्त गौशालाओं का संचालन सम्बन्धित ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा रहा है तथा सरपंचों का सहयोग व उत्साह सराहनीय है। इन सभी गौशालाओं में पशुओं की टैगिंग, टीकाकरण व उपचार पशुपालन विभाग द्वारा निःशुल्क किया जा रहा है। उपायुक्त ने मीडिया के माध्यम से समस्त जिलावासियों से अपील की कि वे शहरी तथा ग्रामीण इलाकों की गौशालाओं में अधिक से अधिक आर्थिक मदद करें ताकि इनका प्रबन्धन तथा बेसहारा पशुओं की देखरेख भलि-भांति की जा सके और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के इस पावन अभियान को जिले में शत-प्रतिशत रूप में कामयाब बनाया जा सके। सरो ने कहा कि जिले में बेसहारा पशु मुक्त कार्यक्रम के क्रियान्वयन व अनुपालना के अन्तर्गत अब किसी भी बेसहारा गाय, नन्दी व बछड़ा-बछड़ी इत्यादि को सुविधानुसार नजदीकी गौशाला में भिजवाया जायेगा। खुले में घूमते पशु सड़कों पर दुर्घटनाओं का कारण बनने के अलावा कूड़ा स्थलों पर गंदगी खाकर पर्यावारण को भी दूषित करते हैं। अतः बाजारों, सड़कों, गलियों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह विचरण करते बेसहारा पशुओं को जनहित में जिले की किसी भी नजदीकी गौशाला में भिजवाना अनिवार्य होगा। जिला के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के सभी निवासियों अथवा पशु पालकों को सूचित किया गया है कि वे अपने पशुओं को इस प्रकार से खुला न छोड़ें अन्यथा दोषी पशु मालिकों के खिलाफ हरियाणा म्यूनिसिपल कारपोरेशन एक्ट १९९४ की धारा ३३२ के तहत कार्यवाही की जायेगी। किसी भी व्यक्ति द्वारा आदेशों को न मानने व लापरवाही बरत कर अपने पशुओं को खुले में छोड़ने के परिणाम स्वरूप प्रशासन द्वारा पशु को गौशाला भिजवाने के फलस्वरूप मालिक से पहली बार में जुर्माना व रखरखाव के रूप में ५१०० रूपये, दूसरी बार में ७५०० रूपये तथा बार-बार उल्लंघन करने पर ११००० रूपये की राशि वसूली जायेगी। यदि इसके उपरान्त भी कोई पशु पालक लापरवाह रहता है और नियम का उल्लंघन करता है तो गौशाला प्रबन्धन की इच्छानुसार पशु लौटाया नहीं जायेगा बल्कि इसे गौशाला को अपनी सम्पत्ति मानने का ही अधिकार होगा।इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त जितेन्द्र दहिया, नगर निगम के अधीक्षण अभियन्ता रमेश बंसल, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी जरनैल सिंह, बल्लबगढ़ की खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी पूजा शर्मा, पशु पालन उपनिदेशक डा. नीलम आर्य व अन्य सभी सम्बन्धित अधिकारी तथा उक्त सभी गांवों के सरपंच व अन्य जन प्रतिनिधि और गौशालाओं के संचालक भी उपस्थित थे।