जीबीएन स्कूल सैक्टर 21डी के प्रांगण में अत्यंत हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस तथा अलंकरण समारोह का हुआ आयोजन
CITYMIRR0RS-NEWS- फरीदाबाद। जीबीएन स्कूल सैक्टर 21डी के प्रांगण में अत्यंत हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस तथा अलंकरण समरोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हिशाशी कांडा सान (ऑटो के महाप्रबंधक), श्रीकृष्णमूर्ति (जैव प्रौद्योगिकी विद शोधकर्ता तथा प्राध्याक), श्रीमती रेनू सूद (प्रधान अध्यापिका गीता बाल निकेतन एनआईटी-3), डा. गोविंद (सेवानिवृत वरिष्ठ निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी विभाग भारत) ने दीप प्रज्जविलत तथा गणेश वंदना के उपरंात कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विद्यालय की निदेशक श्रीमती अनीता सूद, प्रधानाचार्य श्रीमती लीला गोविंद, रचनात्मक विशषेषक श्रीमती कनिका सूद मुखर्जी की अध्यक्षता में सभी आये हुए अतिथियों का स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में हिशाशी कांडा सान, श्री कृष्णमूर्ति ,श्रीमती रेनू सूद , डा. गोविंद ने अपने अपने सम्बोधन मेें स्वतत्रंता दिवस का अर्थ समझाया और कहा हर साल हम स्वतंत्रता दिवस की स्वतंत्रता की भावना और श्रद्धा और बलिदान के लिए श्रद्धांजलि के रूप में मनाते हैं।भारत के स्वतंत्रता दिवस पर हम सभी महान व्यक्तियों को स्मरण करते हैं
जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदीप सूद एवं प्रदीप गुप्ता उपस्थित रहे। उन्होंने भी अपने सम्बोधन में बच्चो को शहीदो की शहादत को सदैव याद
रखने का संदेश दिया और कहा कि जब हम इस देश को उन्नति पर लेे जाने का काम करेंगे तभी उन्हें सच्ची श्रृद्धांजंलि होगी। इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए निदेशक श्रीमती अनीता सूद ने कहा विश्व के प्राय: प्रत्येक राष्ट्र के अपने.अपने राष्ट्रीय त्योहार हैं।अपना.अपना राष्ट्र गीत राष्ट्रीय गान है और अपना
राष्ट्रध्वज है। गुलामी की जंजीरों में तो पशु.पक्षी भी रहना नहीं पसंद करते। पिंजरे में कैद पक्षी भी अपनी मुक्ति के लिए छटपटाता रहता है और मौका पाते ही मुक्त आकाश में विचरण करने का लोभ त्याग नहीं पाता तथा आकाश
की ऊँचाईयाँ नापने लगता है। फिर मनुष्य तो मानव ठहरा। वह परतंत्रता की बेडिय़ों में जकड़े हुए रहना क्यों पसंद करेगा। 15 अगस्त 1947 के पहले हमारा राष्ट्र भी गुलामी की जंजीरों से जकड़ा हुआ था। समंदर पार इंग्लॅण्ड से आए अंग्रेजों का शासन था उनके द्वारा निरंतर भारतीय नगरिकों पर अत्याचार किए जाते थे और देश की जनता त्राहि.त्राहि कर उठी थी। फिरंगियों की लूट.खसोट और अत्याचारों के खिलाफ हमारे देश के सपूतों ने अपने.अपने ढंग से आवाज उठाई, जागरूकता फैलायी,
संगठन बनाए और अँगरेजों से लोहां लिया। आजादी के परवानों द्वारा दी गई आहूतियों और बलिदानों की कहानियाँ इतिहास के पन्नों में उल्लिखित विभिन्न
स्वातंत्र्य आंदोलनों और छिटपुट गंभीर प्रयासों के रूप में दर्ज हैं। इस कार्यक्रम में विद्यालय के लगभग 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया।सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत देशभक्ति, समूहगान, सामूहिक नृत्य तथासावन के अभिनंदन में एक बूंदन नृत्य प्रस्तुत किया। कक्षा सातवी नौवी तक के इन विद्यार्थियों सन 1915-1947 तक की स्वतंत्रता की यात्रा की अनुपम झाकियां भी कक्षा पंाचवी छठी तथा नौेवी से ग्यारहवी कक्षा तक के
विद्यार्थियों का अलंकरण समारोह का आयोजन किया। 80-90 विद्यार्थियों को विभिन्न पदो के लिए अलंकृत किया गया। कक्षा छठी से मेहुल सूद को हैड बॉय
तथा नंदिनी भार्गव को हैड गर्ल घोषित किया गया।
रिदम भाटिया को कक्षा ग्याहरवीं से हैंड बॉय के रूप में तथा अंशिका शर्मा को हैड गर्ल के रूप में चुना गया। अपने उत्तरदायित्वों के निर्वाह हेतू इन्हें शपथ भी दिलवाई गयी। आकाश में रंग बिरंगे गुब्बारे उडाकर कार्यक्रम का सफल समापन किया गया।