क्यूआरजी हेल्थ सिटी में पार्शल नी रिप्लेसमेंट होना अपने आप में एक रिकार्ड है। डॉ. हरीश घूटा
शहर के प्रसिद्ध हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हरीश घूटा ने डे केयर सर्जरी के तौर पर पार्शल नी रिप्लेसमेंट(आंशिक घुटने का प्रतिस्थापन) करके सेक्टर-16 निवासी 76 वर्षीय एलडी भाटिया को बड़ी राहत दी है।
क्यूआरजी हेल्थ सिटी में की गई पार्शल नी रिप्लेसमेंट की सर्जरी में घुटने के उसी भाग को बदला गया, जिस भाग में तकलीफ थी। करीब पौने घंटे में भाटिया के आंशिक घुटने का प्रतिस्थापन किया गया है। भाटिया अस्पताल में घुटने में दर्द होनेपर इलाज को आए थे। पता चला कि घुटने की दोनों हड्डियां तो जुड़ी हैं, लेकिन इनमें (अंतराल गैप) बहुत है। इस वजह से दर्द होता है। पूरा घुटना नहीं बदला गया, सिर्फ गैप को भर दिया गया। अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि देश का ऐसा पहला मामला है। आमतौर पर घुटना रिप्लेसमेंट तो कई अस्पतालों में किया जाता है।
घुटना रिप्लेसमेंट कराए जाने के बाद व्यक्ति को आलती पालती मार कर बैठने को मना किया जाता है और फिजियोथैरेपी को भी कहा जाता है। मगर पार्शल नी रिपलेसमेंट मामले में ऐसा नहीं है। डॉ.हरीश घूटा ने बताया कि उन्होंने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराने को पूरी केस हिस्ट्री भेज दी है। इस केस में भाटिया का जिस दिन आपरेशन किया गया है, इसके 6 घंटे बाद ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। लिम्का बुक की टीम जल्दी ही उनके अस्पताल आएगी। बृहस्पतिवार को अस्पताल प्रबंधन के साथ एलडी भाटिया ने भी पूरे केस की जानकारी दी। डॉक्टर हरीश घूटा ने बताया कि यह अपने आप में एक रिकार्ड है। इस अवसर पर डॉ डीके बलूजा प्रेजिडेंट क्यूआरजी मेडिकयर ने बताया कि क्यूआरजी हेल्थ सिटी में भारत का पहला ऐसा ऑपरेशन किया गया
जिसमें मरीज के आंशिक घुटने का प्रतिस्थापन पार्शल नी रिप्लेसमेंट डे केयर सर्जरी के तौर पर किया गया। इसमें मरीज को ऑपरेशन के 6 घंटें के बाद ही घर भेज दिया गया। डॉ डीके बलूजा प्रेजिडेंट क्यूआरजी मेडिकयर के अनुसार भारत ऑसटियोआर्थराइटस से ग्रस्त मरीजों का दूसरा सबसे बड़ा देश है। एक अनुमान के अनुसार 2025 तक इस तरह के मरीजों की संख्या लगभग 6 करोड़ से अधिक हो जाएगी।