मनुष्य को प्रकृित की आवश्यकता है। प्रकृित को मनुष्य की जरुरत नही । डॉ असद रफी रहमान
CITYMIRRORS-NEWS-प्रकृित के रंग बदले तो सब कुछ बदल जाएगा। मनुष्य को प्रकृित की आवश्यकता है। प्रकृित को मनुष्य की जरुरत नही है।दुर्भाग्यपूर्ण स्थित यह है कि इंसान अपने लालच में आकर प्रकृित से खिलवाड़ कर रहा है। प्रकृित पर इतना अत्याचार किया जा रहा है। कि ग्लोबल वॉर्मिंग पर खतरा मंडराने लगा है। यह बात विश्वप्रसिद्ध पर्यावरण विद् और बीएनएचएस के निदेशक डॉ असद रफी रहमानी ने बड़खल की हसीन वादियों को देखने के बाद कही । उन्होंने कहा कि यह अनमोल खजाना है इसको बचाने का काम इंसान ने ही करना है। आज बड़खल लेक जो सूख चुकी है। उसके लिए केवल इंसान ही जिम्मेदार है। डॉ असद रफी रहमानी बाला जी कॉलेज बल्लभगढ़ के निदेशक डॉ जगदीश चौधरी के निवेदन पर एक दिवसीय दौरे पर फरीदाबाद पहुंचे थे। डॉ रहमानी ने कहा कि उन्होंने बडखल लेक के बारे में पढ़ा था कि जन्नत का नजारा कही अगर दिखाई देता है तो यहां फरीदाबाद में खूबसूरत वादियाें के लिए प्रसिद्ध बडखल लेक आज अपना अस्तिव खो चुका है। फरीदाबाद में ओद्योगिक विकास जरुर हुआ है। लेकिन बड़खल झील जैसा बहुमुल्य खजाना गंवा दिया है। इस मौके पर बाला जी कॉलेज बल्लभगढ़ के निदेशक डॉ जगदीश चौधरी ने कहा कि प्रकृित मनुष्य के लिए वरदान है। परंतु इंसान का लालच और र्स्वाथ उसके किसी काम नहीं आता । उन्होंने बताया कि बड़खल लेक के सूखने का कारण अवैध निर्माण अवैध खनन प्रकृित द्वारा जलर्माग को बदलना। इन सब के कारण जलस्तर दिनों दिन नीचले स्तर पर चला गया। इस अवसर पर डॉ चौधरी ने बीआरओ के गठन का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि पूर भारतवर्ष में स्वयंसेवी संस्थाओं को एकत्रित कर इसको पूराने स्वरुप को वापस लाने के लिए मुहिम चलाई जाएगी। इस अवसर पर दिल्ली से पर्यावरणविद सोहेल मदान व शिक्षाविद् सीमा राणा उषा चौधरी दीपक कुमार बबलू समाजसेवी रविंद्र फौजदार जयंत कुमार रजत जायसवाल ललित डागर ललित फौजदार आदि लोग मौजूद थे।