भारत वासियों को भी चीनी सामान का पूरी तरह से बहिष्कार करना चाहिए। श्रीकृष्णजी सिंघल
CITYMIRRORS-NEWS-चीन ने भारत में टैक्सटाइल और इलैक्ट्रनिक इंडस्ट्री जैसे उद्योंगो नुकसान पहुंचाया है। जिसके चलते देश के अधिकतर टैक्सटाइल उद्योग बंद हो चुके हैं। चीन की साजिश को अमेरिका व यूरोपिय देश भी समझ चुके हैं तथा वहां के नागरिक चीनी उत्पादों को बंद कर रहे है। भारत वासियों को भी चीनी सामान का पूरी तरह से बहिष्कार करना चाहिए।चीन न केवल भारत से आर्थिक,सामरिक युद् लड़ रहा है अपितु हमारे सबसे वडे दुशमन पाकिस्तान को भारत में आतंकवाद पोषण के लिए आर्थिक सहायता कर रहा है तथा अंर्तराष्ट्रीय मोर्चे पर भी भारत को आतंक विरोधी वैश्विक लड़ाई के विरूद् संयुक्त राष्ट्र परिषद जैसे मंचों पर अपने अधिकार को बीटो कर रहा है। यह बात लघु उद्योग भारती की ओर से नीलम-बाटा रोड स्थित होटल डिलाइट में आयोजित संगोष्ठी में मुख्यतिथि के रुप में पहुंचें श्रीकृष्णजी सिंघल(क्षेत्रीय सम्पर्क प्रमुख आरएसएस) ने उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहे। “चीन की चुनौती व स्वदेशी” विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में मनमोहन गर्ग(उप महापौर नगर निगम)तथा सजन जैन (चैयरमेन-ईन्डो आॅटोटेक ली.) थे । कार्यक्रम की शुरुआत में लघु उद्योग भारती के प्रधान अरुण बजाज और महासचिव रविभूषण खत्री ने आए हुए अतिथियों का स्वागत पौधा देकर किया । इस मौके पर अपने संबोधन में श्रीकृष्णजी सिंघल ने कहा कि चीन की चुनौती से निपटने के लिए सामरिक आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए पैदा हुई चीन की चुनौती से निपटने हेतु इक्नामिक नेशनलिज्म वटैक्नो नेशनलिज्म सर्वाधिक कारगर हथियार है। इस अवसर पर मनमोहन गर्ग ने कहा कि भले ही सामरिक मोर्चे पर चीन को भारतीय सैनिकों ने रोक रखा है तथा अपने गलत आकलन के चलते चीन को वापिसी का मार्ग नही मिल रहा है, लेकिन आर्थिक मोर्चे पर वह भारत देश के भीतर घुस कर आक्रमण कर चुका है। इस सबके लिए हम जिम्मेवार हैं अगर हम सब एक होकर चीन निर्मित वस्तुओं का विरोध कर दें तो चीन की हालत काफी खराब हो जाएगी । इस मौके पर सजन जैन ने कहा कि चाईना मेड वस्तुओं के त्याग से स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग हो सकता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ़ तो चीन भारत में से व्यापार करके अरबों डालरों की कमाई करता है और दूसरी तरफ़ भारत की ही तबाही के लिए साजिशें रच रहा है। हमारे ही देश के पैसे से चीन हथियार खरीद रहा है। प्रधान अरुण बजाज ने अपने वक्तव्य में कहा कि चीन के साथ व्यापार करना भारत की अर्थ व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उसकी विस्तारवादी विचारधार देश की सीमा के लिए ख़तरा है और चीन में से हो रहा निर्यात हमारे देश के उद्योग की तबाही का कारण बन रहा है। भारत में रोजगार नही मिलने के चलते विद्यार्थी इलैक्ट्रानिक की पढ़ाई छोडऩे पर मजबूर हो चुके हैं। कार्यक्रम में आए सभी लोगों ने एक साथ चीन के सामानों का बाहिष्कार करने का प्रण लिया। कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वहीं कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम संयोजक अमृतपालकोचर ने आए हुए सभी लोगों का धन्यवाद किया।