City mirrors.in- डिजीटल मार्किट वर्तमान में मार्किटिंग को बढ़ावा देने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण स्त्रोत है जिसका प्रयोग इलैक्ट्रोनिक डिवाईस व इंटरनेट द्वारा किया जाता है। बिजनेस का यह स्वरूप डिजीटल चैनल जिसमें सर्च इंजन, सोशल मीडिया और ईमेल और बेवसाईट शामिल हैं द्वारा वर्तमान और भावी उपभोक्ताओं को आकर्षित करता है। डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान श्री जे पी मल्होत्रा ने यहां टैप डीसी द्वारा आयोजित अद्र्धदिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम में यह उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि डिजीटल मार्किटिंग के तहत डिजीटल टैक्टिस का प्रयोग किया जाता है जिसमें ऑनलाईन सिस्टम, डिजीटल एडवरटाईजिंग, ई-मेल मार्किटिंग, ऑन लाईन ब्रॉशर इत्यादि शामिल है, पर ध्यान दिया जाता है। श्री मल्होत्रा ने बताया कि सोशल मीडिया मार्किटिंग जैसे फेसबुक, ट्विटर, लिंकेडिन, इंस्टाग्राम, स्नैप चार्ट ऐसे प्लेटफार्म हैं जिससे हम अपने ब्रांड या उत्पाद को सोशल मीडिया चैनल्स में प्रस्तुत कर सकते हैं, ब्रांड अवेयरनैस बढ़ा सकते हैं और अपने बिजनेस को नया रूप दे सकते हैं। आपने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि डिजीटल मार्किटिंग के कन्सैप्ट को बिजनेस का एक हिस्सा बनाया जाए ताकि इससे अधिकाधिक लाभ उठाया जा सके।
मणिपाल इंस्टीट्यूट के प्रमुख विशेषज्ञ श्री आशुतोष कुमार ने बताया कि एमएसएमई सैक्टर ई-मेल मार्किटिंग को कम्युनिकेशन के लिये प्रयोग कर रहा है और इसके तहत डिस्काउंट, प्रमोशन और ईवेन्ट्स पर ध्यान दिया जाता
है।
टैप डीसी की सीईओ सुश्री चारू स्मिता मल्होत्रा ने बताया कि डिजीटल मार्किटिंग वर्तमान परिवेश में मार्किट का एक प्रभावी साधन है। आपने बताया कि एमएसएमई सैक्टर्स में डिजीटल मार्किटिंग के प्रयोग से नई उपलब्धियों को प्राप्त किया जा सकता है। यही नहीं डिजीटल चैनल्स द्वारा मल्टीपल स्पेेशिलिटी का लाभ उठाया जा सकता है। श्री आशुतोष कुमार ने कहा कि यदि कोई संस्थान बिजनेस टू बिजनेस है तो डिजीटल मार्किटिंग ऑनलाईन रूप से एक केंद्र बन सकती है जिससे हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति की ओर तेजी से कदम बढ़ा सकते हैं। यही नहीं यदि हमारा संस्थान बिजनेस टू कस्टमर है तो डिजीटल मार्किटिंग अधिक से अधिक लोगों को आकर्षित करने में सफल सिद्ध होती है।
कार्यक्रम में के के टैक्सटाईल, स्ट्रिप एंड मैटल इक्यूपवमैंट, डीईई डेवलपमैंट, एयोन मार्किट, सुप्रीम प्लास्टिक, मैक्स एकोर्ड आटोमिशन, सिक्योरियो इलैक्ट्रोनिक, वायो फैक्टर्स, पीएमटी इंजीनियर्स, रिंकू रबड़, भारतीय बाल्वज सहित विभिन्न संस्थानों के ३२ से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए। श्री मल्होत्रा ने कार्यक्रम की सफलता के लिये फैकल्टी व सुश्री
चारू स्मिता का आभार व्यक्त किया।