फाइटर विमान उडाने वाली फरीदाबाद की मेघा जैन, लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज
CITYMIRRORS-NEWS-शहर की की मेघा जैन पहली ऐसी सिविलियन भारतीय महिला बनी है जिन्होंने रसिया में फाइटर विमान मिग-29 को साढे 18 हजार मीटर की उंचाई पर 1850 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उडाया है। खतरों से खेलने के शौक रखने वाली मात्र 29 साल की मेघा जैन का यह कारनामा पिछले दिनों जारी लिम्का बुक आफ रिकाड्र्स-2018 में दर्ज हो गया है। ये रिकार्ड उस वक्त बना जब मेघा जैन पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट होने के नाते अपने कुछ काम के सिलसिले में रसिया गई और एक स्कीम के तहत उन्हें एज ए सिविलियन फाइटर विमान मिग-29 को उडाने का मौका मिला। ऐसा खतरा इससे पहले वह अमेरिका में 15 हजार फीट पर ले चुकी है। जैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के कोसीकलां क्षेत्र मेरी जन्म भूमि और मेरी शिक्षा व रहन सहन दिल्ली में हुआ। पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट, फरीदाबाद के सेक्टर-15ए की निवासी मेघा जैन का सपना तो खोजी पत्रकार बनने का था, पर भाग्य ने उसे सीए बना दिया। मेघा जैन को स्कूली समय से रोमांचकारी खेलों व साहसिक गतिविधियों में भी भाग लेने की रुचि थी, पर उसने कभी सपने में भी यह नहीं सोचा था कि वो फाइटर विमान मिग-29 में बैठ उसे उड़ाती हुई दूर गगन की ऊंचाइयों पर ले जाएगी। अपने कॅरियर के सिलसिले में मेघा जैन रूस गई, तो उसे फाइटर विमान मिग-29 को साढ़े 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर 1850 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भरने का मौका मिला। इन पलों ने उनका नाम पिछले दिनों जारी लिम्का बुक आफ रिकाड्र्स-2018 में दर्ज कर दिया। एक बड़ी उपलब्धि मेघा जैन के नाम अंकित हो गई।खतरों से खेलने वाले शौक रखने वाली मात्र 29 साल की मेघा जैन की माने तो उन्हें एडवेंचर्स खेलों का शौक बचपन से रहा है। अपनी कंपनी की गतिविधियों के तहत मुझे शादी के बाद गत वर्ष 2017 में रूस जाने का मौका मिला, वहां भ्रमण के दौरान एयरबेस पर गई। फाइटर मिग-29 देख कर मैंने संबंधित अधिकारियों से यूं ही मजाक में कह दिया कि क्या मैं विमान में बैठ सकती हूं। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि न सिर्फ बैठ सकती हैं, बल्कि आप चाहें, तो उड़ भी सकती हैं। उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि विमान उड़ाने की बात हो रही है। एयरबेस के अधिकारियों ने बताया कि सिविलियन स्कीम के तहत विमान उड़ाया जा सकता है। इसके बाद एयरबेस की तरफ से मेडिकल चैकअप करवाया गया। जिसमें कई प्रकार के टैस्ट भी किये गये जिनमें उन्हें फिट पाया गया।लिम्का बुक ऑफ रिकार्डधारी मेघा जैन ने फाइटर विमान के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि विमान में दो पायलट बैठ सकते हैं, जिसका कंट्रोल मुख्य पायलट के हाथ में होता है, दूसरे केबिन में को-पायलट होता है, जिसकी जगह वह खुद बैठी थी। विमान को टेक ऑफ करने के बाद आसमान में चौथी सतह पर ले गए, वहां आसमान पूरी तरह से काला था। यह 18400 मीटर ऊंचाई पर था, लगभग 6 लाख फीट पर, जिसकी गति 1850 किलोमीटर प्रति घंटा थी। करीब एक घंटे का सफर करने के बाद बाद उन्हें प्रमाण पत्र भी मिला और पिछले दिनों मेघा जैन का नाम लिम्का बुक आफ रिकार्डस में दर्ज हुआ। मेघा जैन ने बताया कि इस खतरानाक ड्राईव के बारे में उन्होंने परिवार के किसी भी सदस्य को कुछ भी नहीं बताया, अगर बताती तो वह यह सब नहीं कर पाती और न ही घर वाले करने देते। यह मेरे जीवन की बड़ी उपलब्धि है। आज नारी सिर्फ चूल्हे-चौके तक ही सीमित नहीं है। नारी अपनी इच्छा शक्ति व बुलंद हौसलों के साथ हर वो काम कर सकती है और कर रही है, जो वह चाहती है। नारी अंदर की आवाज सुने और फिर उसे पूरा करने में जुट जाए। अगर कुछ नहीं करोगे, नहीं सोचोगे, तो यहीं रह जाओगे।मेघा जैन की सास मां सुशील जैन की माने तो उन्हें बिल्कुल भी नहीं पता था कि उनकी बहु इतना बडा खतरा ले रही है, इसके बारे में तो उन्हें घर आने के बाद पता लगा तो सभी परिवार के सदस्य हैरत में पड गये, डर था कि अगर कुछ हो जाता तो क्या होता, मगर अब खुशी है कि उनकी बहु ने इतनी बडी उपलब्धि हासिल की है। मेघा जैन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी बहु दफ्तर के साथ – साथ परिवारिक जिम्मेदारियां भी निभाती है घर में रसोई का कार्य भी संभालती है, मेघा जैन उनके घर की बहु ही नहीं एक बेटी भी है।