CITYMIRR0RS-NEWS- मेट्रो अस्पताल में जागरुकता कार्यक्रम का आयाेजन किया गया। जिसमें अनेक लोगों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर रोहित गुप्ता ने कहा कि मिर्गी की शिकायत होने पर लोग आज भी अंधविश्वास में जी रहे है। झाड़ फूंक करने वाले लोगों ने ऐसी भ्रांतियां फैलाई हुई है। जिससे मिर्गी से पीड़ित मरीज डॉक्टरों के पास जाने से पहले झाड़ फूंक वाले के पास जाना बेहतर समझते हैं। तब तक मरीज की हालत और गंभीर हो जाती है।
डॉ रोहित गुप्ता ने बताया कि लोगों को अंधविश्वास से निकालने के लिए कैंप और सेमिनार के माध्यम से जागरुक किया जाता है। इस बीमारी को लेकर लोगों में अब भी कई तरह की गलत धारणा है। आज भी लोग इस बीमारी को पागलपन से भी जोड़कर देखते हैं। इसके चलते मरीज समाज में अलग-थलग पड़ जाता है। उन्होंने कहा कि हकीकत में मिर्गी मस्तिष्क की बीमारी है जो हर उम्र के लोगों को हो सकती है। हर 100 में एक व्यक्ति को यह बीमारी होती है। इसके चलते यह बहुत सामान्य बीमारी है। देश भर में करीब एक करोड़ लोग इससे पीड़ित हैं। डॉ गुप्ता ने कहा कि इस बीमारी में मरीज को अचानक दौरे आते हैं। इसके चलते हाथ पैरों में झटके आते हैं। मुंह से झाग आता है और मरीज कुछ समय के लिए बेहोश हो जाता है। पीड़ित को यह झटके कभी भी आ सकते हैं। इस बीमारी का समय पर इलाज शुरू किया जाए तो पूरा निदान हो सकता है। 80 फीसद मरीज दवा से ठीक हो जाते हैं।
जिले में लगभग 15 हजार मरीज मिर्गी से पीड़ित
डॉ रोहित गुप्ता ने बताया कि दुनिया में मिर्गी की बीमारी से 5 करोड़ लोग मिर्गी की बीमारी से पीड़ित है। भारत में मिर्गी के मरीजों की संख्या लगभग 1 करोड़ है। वहीं इंडस्ट्रियल सिटी फरीदाबाद में करीब 15 हजार मिर्गी रोगी है। मेट्रो अस्पताल में रोजाना 4 से 5 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
गांव में तीन गुना है मरीज
डाॅ गुप्ता ने कहा कि गांव में शहर के मुकाबले 3 गुना ज्यादा बीमारी के मरीज होते है। जागरुकता की कमी के कारण 60 प्रतिशत मिर्गी मरीज अपना इलाज नहीं करवाते हैं। जिससे रोगी धीरे- धीरे गंभीर बीमारियां का शिकार बन जाता हैं। इलाज के आभाव में कई मरीज बीच में अपनी जान गवां देते हैं। इसलिए लोगों को झाड़ फूंक वाले बाबाओं के चक्कर में न आकर अस्पतालों में अपना पूरा इलाज करवाएं।