इराक की 75 वर्षीय हसीबा खालफ को मेट्रो अस्पताल ने नया जीवन दिया।
CITYMIRRORS-NEWS-हृदय की तीन नसों में खतरनाक ब्लॉक से जूझ रही इराकी महिला को यहां के मेट्रो अस्पताल में इलाज कराने से नया जीवन मिला है।करीब 75 वर्षीय हसीबा खालफ लंबे अर्से से छाती में दर्द तथा सांस लेने में दिक्कत से पीड़ित थी। महिला उच्च रक्तचाप तथा मधुमेह की भी रोगी थी। कई इलाज कराए, लेकिन राहत नहीं मिली। इराक में एंजियोग्राफी करवाई, जिसमें पता चला कि उनके हृदय की तीनों नसों में खतरनाक ब्लॉक थे। वहां उन्हें बाईपास सर्जरी कराने की सलाह दी गई। मगर हृदय की धमनियों के साथ ही दिमाग की धमनी 90 फीसद तथा गुर्दे की दोनों तरफ की धमनियों में ब्लॉक होने की वजह से बाईपास सर्जरी के दौरान लकवे तथा किडनी फेलियर का खतरा ज्यादा था।किसी परिचित से फरीदाबाद के मेट्रो अस्पताल के बारे में जानकारी दी तो वह अपने परिजनों के साथ यहां आ गए। उन्होंने मेट्रो अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डा.एसएस बंसल से संपर्क किया। कार्डियोलोजी टीम में डॉ.बंसल, डॉ.नीरज जैन तथा डॉ. सौरभ जुनेजा ने आपस में विचार विमर्श किया।वरिष्ठ हृदय शल्य चिकित्सक तथा अन्य सदस्यों के प्रयासों से मरीज की तीनों धमनियों में 4 स्टेंट डाले गए। किडनी की धमनी में 2 ब्लॉक थे, जो काफी समय पुराने, सख्त तथा कैल्शियम युक्त बहुत लंबे ब्लॉक थे, जिसकी वजह से इसकी एंजियोप्लास्टी भी संभव नहीं लग रही थी। डॉ. बंसल ने बताया कि इस प्रकार की परिस्थितियां उत्पन्न हो गई थी, जिसमें मरीज को तकलीफ बहुत ज्यादा थी। स्टेंट से सबसे पहले महिला के सभी ब्लॉक को सफलतापूर्वक खोल दिया गया। सर्जरी के परिणाम बहुत अच्छे रहे वह एकदम ठीक हो गईं। यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, जो कि अत्यधिक कुशल हाथों से ही संभव हो सकता था। इस चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया के प्रथम चरण में हृदय की तीनों धमनियों की एंजियोप्लास्टी की गई तथा 2 दिन बाद किडनी तथा दिमाग की धमनियों को खोला गया। डॉ.बंसल ने बताया कि कई मरीज ऐसे होते हैं जो बाईपास के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं तथा उन्हें बाईपास के दौरान खतरा होता है और यही मरीज अगर एंजियोप्लास्टी के लिए फिट न हों तो इनके लिए हृदयघात तथा आकस्मिक मृत्यु का खतरा बना रहता है। इस मरीज की दाई ओर की धमनी को खोलने के लिए जापानी तकनीक का प्रयोग किया गया जो कि आधुनिकतम प्रक्रिया है। उन्होंने बताया कि अब मरीज बिल्कुल ठीक है और अगले दो दिन बाद वह अपने देश इराक लौट जाएगी।