” गंगाजल ज्ञापन” वर्तमान विधायक से ज्यादा पूर्व विधायिका के लिए चिंता का सबब
Citymirrors.in-गंगाजल को सनातन धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है।पूजन से लेकर घर की शुद्धि तक में इस पवित्र गंगाजल का इस्तेमाल किया जाता है।गंगाजल को वास्तु शास्त्र से भी जोड़ा गया है।
गंगाजल के प्रयोग से परेशानियां को दूर किया जा सकता है।लेकिन वही गंगाजल बल्लबगढ़ विधानसभा में कई नेताओं की परेशानी का सबब बन गया है।
बल्लभगढ़ में आयोजित रोड शो के लिए विधायक मूलचंद शर्मा द्धारा सड़कों को गंगाजल से धोने की बात का मामला अब थमता नज़र नहीं आ रहा है।चुनाव के मद्देनजर इस पर हरियाणा की सियासत जोरों पर गर्म हो रही है।कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को जनता की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा कर CM खट्टर के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है|
पूर्व विधायिका शारदा राठौर,ललित नागर के बाद अब हाल ही में नियुक्त कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता पराग शर्मा ने भी इस मुद्दे को हवा दे दी है।
कांग्रेस की पर्यावरण प्रकोष्ठ की प्रदेश कॉर्डिनेटर पराग शर्मा ने सड़कों को गंगाजल से धोने की बात के प्रकरण को माँ गंगा का अपमान बताते हुए,धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा विधायक मूलचंद शर्मा के विरुद्ध तत्काल पुलिस कार्यवाही की मांग करते हुए थाने में लिखित शिकायत दे दी है।
पराग शर्मा ने ने ज्ञापन देते हुए विधायक के खिलाफ नारेबाजी की व् विधायक के खिलाफ कार्यवाही की माँग की।साथ ही जल्द ही इस विषय पर उचित कार्यवाही न होने पर धरने पर बैठने की धमकी भी दी।
पराग शर्मा ने भाजपा व् स्थानिय विधायक पर आरोप लगाते हुए कहा कि बल्लभगढ़ आज कचरे का शहर बन गया है।विधायक द्धारा जनता को गुमराह कर और CM द्धारा अपने 5 साल के कुशासन और भ्रष्टाचार छुपाने के लिए सड़कों को गंगाजल से धुलवा कर जनता का ध्यान भटका रही हैं।
इसी बीच पराग ने सिटी थाने के पास स्थापित बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के जन्मदिवस पर प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया।
वहीं आज के इस पुरे प्रकरण को देखे व् समझे तो कहीं न कहीं आज का दिया गया ज्ञापन वर्तमान विधायक से ज्यादा पूर्व विधायिका के लिए चिंता का सबब जरूर बना होगा क्योकि यह मुद्दा उनकी के द्धारा उठाया गया था।लेकिन आज थाने में नव नेत्री ने ज्ञापन के माध्यम से जिस प्रकार से इस मुद्दे को उठाया है,वह इस विधानसभा से विपक्ष में विरोधी गुट द्धारा अन्य महिला नेत्री को स्थापित करने की पहल के रूप में भी देखा जा रहा है।
तो विपक्ष के इसी विरोधी गुट के दूसरे नेता “जिन्होंने पिछले दिनों अपने बड़े नेता की रैली भी की थी” के लिए भी इस “गंगाजल ज्ञापन” ने माथे पर शिकन की लकीरें खींच दी हैं।
वैसे अगर गुटबाजी की बात को छोड़ दें तो इन दोनों नेत्रिओं में कुछ समानताएं भी हैं।एक खुद विधायक रह चुकी हैं तो दूसरे के पिताजी विधायक रह चुके हैं।दोनों की पृष्ठभूमि ग्रामीण रही है तो दोनों ने ही वकालत की क़ानूनी पढाई की हुई है।मालूम हो कि 2014 चुनाव में भाजपा ने “गंगा सफाई ” के एजेंडा से की थी और सरकार बनाई थी शायद उसी का सज्ञान लेते हुए कांग्रेस के इन नेताओँ ने इस बार पहले ही मुद्दे को लपकते हुए “गंगाजल ज्ञापन” से शुरुवात कर दी है शायद इस सोच के साथ कि गंगा मैया उन्हे भी तार देंगी भाजपा की तरह।