नगर निगम सदन की बैठक में जब उपमहापौर मनमोहन गर्ग और पार्षद अजय बैंसला के बीच हुई तकरार।
citymirrors-news-नगर निगम सदन में मद संख्या 79 के तहत उपमहापौर मनमोहन गर्ग ने एक प्रस्ताव रखा था कि दिल्ली मथुरा रोड के 14/4 क्षेत्र में महावीर आइस के नाम से एक औद्योगिक इकाई है। इसका नक्शा नगर निगम द्वारा पारित किया गया। यहां योजना शाखा के सीएलयू, एडीसी शुल्क और नगर निगम व राज्य सरकार के अन्य नियम व शर्तों का उल्लंघना की गई है।मनमोहन गर्ग ने बताया कि नगर निगम के डीटीपी द्वारा इस कार्य की फाइल पर इन कमियों को इंगित भी किया गया है। परंतु संबंधित विभागाध्यक्ष द्वारा उन कमियों की अनदेखी एवं उपेक्षा करते हुए इस फर्म के नक्शे को स्वीकृति प्रदान कर दी गई। जिससे नगर निगम को लगभग चार करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ। इसलिए महावीर आइस के नक्शा पारित करने के मामले की विजिलेंस से जांच करवाई जाए। इस विषय को उठाया जाना उचित नहीं जैसे ही यह मुद्दा सदन के पटल पर पढ़ा गया। पार्षद अजय बैंसला ने इस पर तीखा विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह विषय उनके वार्ड से संबंधित है। इस विषय को मनमोहन गर्ग द्वारा उठाया जाना उचित नहीं है। इस विषय को उठाए जाने से पहले उन्हें विश्वास में लिया जाना चाहिए था।उन्होंने इस विषय पर मनमोहन गर्ग से बात की। तो मनमोहन गर्ग ने जवाब दिया कि क्या हर मद उनसे पूछ कर रखा जाएगा। इस पर अजय बैंसला ने कहा कि उनके वार्ड में हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। उनके वार्ड में हस्तक्षेप क्यों किया उन्होंने कहा कि उपमहापौर के संज्ञान में भ्रष्टाचार के कुछ अन्य मुद्दे भी हैं। वह उपमहापौर ने सदन में रखे नहीं। तो उन्होंने उनके वार्ड में हस्तक्षेप क्यों किया। अजय बैसला की बात का जवाब देते हुए मनमोहन गर्ग ने कहा कि उनके पास इस मामले की एक शिकायत आई थी। उन्होंने जनहित में शिकायत को कार्यसूची में लगा दिया। क्योंकि इससे चार करोड़ के नुकसान की आशंका है। मैं जनहित में किसी भी मुद्दे को एजेंडे में लगा सकता हूं। इसका मुझे अधिकार है। अगर भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाना गलत है तो अलग बात है। उंगली मत दिखाइए एक मौके परअजय बैंसला और मनमोहन गर्ग में इतनी तकरार हो गई कि अजय बैंसला को यह भी कहना पड़ा कि आप उंगली मत दिखाइए। मैं तुम्हारी उंगली से डरने वाला नहीं हूं। तुम्हें मेरे वार्ड में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। वरिष्ठ उपमहापौर देवेंद्र चौधरी ने कहा कि अगर कोई शिकायत किसी अन्य वार्ड से संबंधित है। तो संबंधित वार्ड के पार्षद से बात अवश्य किया जाना चाहिए। मनमोहन गर्ग ने कहा कि सदन में भाजपा का बहुमत है। सबसे ज्यादा पार्षद चुनकर आए हैं। भाजपा के पार्षद होते हुए भी सदन में यह सब होगा। तो फिर कैसे चलेगा। इस बारे में वे केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर से मिलेंगे और उनसे पूछेंगे कि वे भाजपा के ही हैं। उनका विरोध होगा। तो भ्रष्टाचार कैसे खत्म होगा। विवाद बढ़ता देख महापौर ने सुमन बाला ने वरिष्ठ उपमहापौर देवेंद्र चौधरी और हरियाणा सरकार के चेयरमैन एवं पार्षद धनेश अदलखा से मशवरा करके इस मद को ड्राप कर दिया। भ्रष्टाचार के मामले में मनमोहन गर्ग ने जिस तरह से केस प्रस्तुत किया। उसके बाद उम्मीद की जा रही है कि अब यह प्रस्ताव संबंधित वार्ड पार्षद अजय बैंसला की ओर से सदन की अगली बैठक में रखा जाएगा।