निगम सदन की बैठक में मंगलवार को सभी पार्षदों ने एकजुट होकर शहर की स्वच्छता पर सवाल उठाया
CITYMIRRORS-NEWS-निगम सदन की बैठक में मंगलवार को सभी पार्षदों ने एकजुट होकर शहर की स्वच्छता पर सवाल उठाया। बैठक के दौरान कई पार्षदों ने एक साथ खड़े होकर कहा कि, शहर में गंदगी बढ़ती जा रही है, लेकिन सिर्फ स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग बेहतर होती जा रही है। बता दें, केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने पिछले दिनों फरीदाबाद को ऐसे शहर के रूप में सम्मानित किया था, जिसने अपनी स्वच्छता रैंकिंग में बड़ी तेजी से सुधार किया। वार्ड-26 के पार्षद अजय सिंह बैसला ने कहा कि सफाई कर्मचारी पूरी तरह मनमानी कर रहे हैं। हाजिरी लगाने के बाद क्षेत्र से गायब हो जाते हैं।वार्ड-23 की पार्षद गीता रक्षवाल ने कूड़े के ढेरों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि शहर को किस तरह से स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है। उन्होंने अपने वार्ड में गंदगी की फोटो सदन में रखी। पार्षदों ने कहा कि उनके वार्ड में आबादी के हिसाब से कर्मचारियों की संख्या काफी कम है। इस मामले पर निगम आयुक्त सोनल गोयल ने कहा कि आबादी के हिसाब से वार्ड में सफाई कर्मचारियों के ट्रांसफर कर दिए गए हैं, लेकिन कर्मचारी ट्रांसफर का विरोध करते हुए धरने पर बैठ रहे हैं। इस पर पार्षदों ने कहा कि जो भी सफाई कर्मचारी धरने पर बैठे, उसको हाजिरी में अनुपस्थित दिखाया जाए। इस प्रस्ताव को सदन की बैठक में पास कर दिया गया।निगम सभागार में महापौर सुमन बाला की अध्यक्षता में हुई बैठक में वरिष्ठ उपमहापौर देवेंद्र चौधरी, उपमहापौर मनमोहन गर्ग, अतिरिक्त निगम आयुक्त पार्थ गुप्ता, मुख्य अभियंता डीआर भास्कर सहित सभी प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।सदन की बैठक शुरू होते ही महापौर सुमन बाला ने निगम आयुक्त सोनल गोयल से पूछा कि पिछली बैठक में सलाहकारों को हटाने का प्रस्ताव पास किया गया था। कितने सलाहकार हटाए गए? इस पर निगम आयुक्त ने कहा कि उनके पास 11 सलाहकार थे, जिसमें से 8 हटा दिए गए हैं। केवल 3 ही सलाहकार बचे हैं। इस पर वार्ड 33 के पार्षद और हरियाणा राज्य सहकारी कृषि व ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड के चेयरमैन धनेश अदलखा ने बाकी बचे सलाहकार एसएल मदान पर कर्मियों के ट्रांसफर की एवज में पैसे लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मदान को भी हटाया जाए। अदलखा ने कहा कि उनके पास सलाहकार द्वारा पैसे मांगने की रिकार्डिंग भी है। इस पर निगम आयुक्त ने कहा कि, रिकार्डिंग की भी जांच करा ली जाएगी मगर वैकल्पिक व्यवस्था होने तक एसएल मदान को नहीं हटाया जा सकता।
एक माह में एक लाख रुपये के विकास कार्य करा सकेंगे पार्षद : वार्ड 37 के पार्षद दीपक चौधरी ने कहा कि पार्षदों को छोटे-छोटे काम कराने के लिए भी अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते हैं। लोग उनके पास समस्या लेकर आते हैं। बजट न होने की वजह से वह उसका समाधान नहीं कर पाते। इस पर सभी पार्षदों ने मांग रखी कि उन्हें एक माह में एक लाख रुपये तक का काम कराने की अनुमति दी जाए। इस प्रस्ताव को भी सदन की बैठक में पास कर दिया गया।
पूरी तैयारी के साथ सदन में आए पार्षद : निगम सदन की दूसरी बैठक में युवा पार्षद पूरे सबूत के साथ आए थे। इससे पहले पार्षद केवल जुबानी आरोप लगाते हुए ही नजर आते थे। वार्ड 17 के पार्षद विकास भारद्वाज ने कहा कि उनके वार्ड में ट्यूबवेल का वर्क ऑर्डर डीटीएच मशीन का था, लेकिन वहां पर छोटी मशीन खड़ी कर दी है। इस मामले में उन्होंने निगम आयुक्त को वर्क आर्डर की कॉपी भी सौंपी। इसके अलावा उन्होंने अपने क्षेत्र में फैल रही गंदगी की फोटो भी निगम आयुक्त और महापौर को दिखाई।वार्ड-26 के पार्षद अजय बैसला ने इंद्रप्रस्थ कॉलोनी को रखरखाव के लिए नगर निगम को सौंपे जाने व अनधिकृत कॉलोनी धीरज नगर को नियमित किए जाने का मामला भी सदन में उठाया। सदन ने इसका प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार को भेजने का निर्णय लिया है।इसके अलावा पार्षद सुभाष आहुआ ने अपने क्षेत्र में टय्बवैल लगाने और पार्कों की खस्ताहाल का मुद्दा उठाया। इस पर अधिकारियों ने इससे जुड़ी फाइल पड़कर काम जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।