Citymirrors.in-भुगतान होने के कारण ठेकेदारों द्वारा काम रोकने पर मंगलवार को नगर निगम विजिलेंस कमेटी के सदस्य (पार्षद )फाइनेंस अफसर पर भड़क गए। उन्होंने
फाइनेंस अफसर ठेकेदारों का भुगतान करने में पक्षपात का आरोप लगाया। विजिलेंस कमेटी के सदस्यों ने कहा कि फाइनेंस अफसर मंत्री के पीए के इशारों पर काम कर रहा है। जिसके कारण जिन ठेकेदारों ने लाखों रुपए के काम कर दिए हैं। उसका भी भुगतान नहीं किया जा रहा। ऐसे में ठेकेदार आत्महत्या करने को भी मजबूर हो गए हैं। उन्होंने फाइनेंस अफसर को चेतावनी भरे लहजे
में कहा कि यदि एक सप्ताह के भीतर ठेकेदार का भुगतान नहीं होता है तो मामले को सदन में उठाएंगे। फाईनेंस अफसर पार्षदों को ये समझाने का प्रयास करते रहे कि भुगतान में कोई गड़बड़ी नहीं है। लेकिन कमेटी के
सदस्य उनके जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आए। उन्होंने कहाकि इस मामले को सदन में उठाया जाएगा।
भुगतान नहीं होने के कारण काम पड़े हैं बंद मंगलवार को नगर निगम की विजिलेंस कमेटी के चेयरमैन व निगम पार्षद जितेंद्र यादव, दीपक चौधरी, महेंद्र सरपंच, अजय बैसला व सुरेंद्र अग्रवाल फाईनेंस अफसर सतीश कुमार के द तर पहुंचे और ठेकेदार दुष्यंत का भुगतान न करने का कारण पूछा। पार्षदों ने ठेकेदारों के भुगतान पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए फाईनेंस अफसर को जमकर खरी खरी सुनाई। पार्षदोंं कहा कि आयुक्त के चेकों पर हस्ताक्षर करने के बाद भी ठेकेदारों को भुगतान नहीं
किया जा रहा है। इससे वार्डों मेंं होने वाले काम बंद पड़े हैं। पार्षदों ने साफ कहा कि मंत्री के पीए के इशारे पर भुगतान करने की परपाटी को तत्काल बंद किया जाए नहीं तो आपके खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा। उक्त पार्षदों ने फाईनेंस अधिकारी को एक मांग पत्र सौंपकर उनसे पिछले छह महीने में ठेकेदारों को किए गए भुगतान का लेखा जोखा मांगा है। साथ ही सात दिनों के अंदर नगर निगम के खातोंं का स्टेटमेंट भी मांगा है। पार्षदों ने
कहाकि लगातार शिकायतें मिल रही है कि फाईनेंस अधिकारी मंत्री के पीए के इशारे पर ठेकेदारों का भुगतान कर रहे हैं। इस परिपाटी को तत्काल बंद किया जाए। उनका कहना है कि दुष्यंत नामक ठेकेदार मंत्री जी के क्षेत्र में अब तक करीब सवा करोड़ का काम करा चुका है। इसके चलते ठेकेदार को घर तक गिरवी रखना पड़ा। अब जबकि कमिश्नर ने उसकी पेंमेंट चेक पर हस्ताक्षकर कर चुके हैं तो भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसा क्यों। उक्त ठेकेदार आत्महत्या करने को मजबूर है। फाईनेंस अफसर सतीश कुमार ने निगम विजिलेंस कमेटी के पार्षदों के सामने सफाई पेश करते रहे लेकिन पार्षद उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। अधिकारी ने बताया कि जनरल फंड से अभी किसी ठेकेदार को भुगतान नहीं किया गया। निगम
के जिस खाते से ठेकेदारों का भुगतान किया जा रहा है उसमें पर्याप्त पैसा नहीं है। इसलिए भुगतान नहीं हो पा रहा है। इस पर पार्षदों ने कहा कि कई ऐसे ठेकेदार हैं जिनका हाल ही में भुगतान किया गया है। करीब आधा घंटा तक नोकझोक होने के बाद अधिकारी ने एक सप्ताह के अंदर भुगतान करने का आश्वासन दिया है। कमेटी के चेयरमैन जितेंद्र यादव ने कहा कि यदि एक सप्ताह में
भुगतान नहीं किया गया तो उक्त अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा। इस मुद्दे को सदन में भी उठाया जाएगा।