प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने यमुनानगर प्रिंसिपल की हत्या पर विरोध करते सुरक्षा को सौंपा ज्ञापन
CITYMIRRORS-NEWS-जिला लघु सचिवालय पर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सैकड़ों अध्यापकों ने पैदल मार्च निकालते हुए यमुनानगर में प्रिंसिपल की हुई निर्मम हत्या के विरोध में फरीदाबाद के एडीसी जितेंद्र दहिया को ज्ञापन सौंपा। अध्यापकों ने ज्ञापन के जरिए सरकार से मांग की है कि इन दिनों निजी स्कूलों में अध्यापक भय के माहौल में शिक्षा दे रहा है इसलिए सरकार उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करवाएं । साथ ही अध्यापकों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ऐसे मामलों में अध्यापकों को ही दोषी मानती है जबकि यमुनानगर के मामले में अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। इसलिए पूरे प्रदेश में अध्यापकों ने निजी स्कूलों को 1 दिन के लिए बंद रखा है।पिछले दिनों यमुनानगर में स्कूल के अंदर प्रिंसिपल की हुई निर्मम हत्या को लेकर पूरे प्रदेश के निजी स्कूल डर के साए में शिक्षा दे रहे हैं जिसको लेकर पूरे प्रदेश के निजी स्कूलों की एसोसिएशनों ने फैसला लिया कि 1 दिन का अवकाश रखकर सरकार को ज्ञापन सौंपेगे और अपनी मांगो को सरकार के सामने रखेंगे। इसी कड़ी में आज फरीदाबाद में सेक्टर 12 लघु सचिवालय पर फरीदाबाद के सैकड़ों निजी स्कूलों के अध्यापकों ने पैदल मार्च निकालते हुए यमुनानगर में प्रिंसिपल की हुई निर्मम हत्या को लेकर विरोध जताया वही जिला उपायुक्त की गैरमौजूदगी में एडीसी जितेंद्र दहिया को ज्ञापन सौंपा। हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस प्रदेश अध्यक्ष एस एस गोसाईं और हरियाणा निजी स्कूल एशोसिएशन अध्यक्षर रमेश डागर ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से हम अध्यापकों ने मांग की है कि निजी स्कूलों में अध्यापकों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं क्योंकि इन दिनों निजी स्कूल छात्रों को भय के माहौल में शिक्षा देने के लिए मजबूर हैं उन्हें डर है कि कहीं यमुनानगर में जो हुआ वह उनके साथ ना हो जाए इसलिए उन्होंने सरकार पर आरोप भी लगाए हैं की सरकार छात्रों के साथ होने वाली मार पिटाई या फिर अन्य प्रताड़ना को सख्ती से लेते हैं वही अध्यापक के साथ इतनी बड़ी वारदात हो जाती है उसके बाद भी सरकार कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती है। एसोसिएशन के अध्यापकों ने कहा कि अभिभावकों को भी अपने बच्चों पर थोड़ी सख्ती बरतनी चाहिए क्योंकि स्कूलों में बच्चा मात्र 6 घंटे तक उपलब्ध होता है बाकी के 18 घंटे मां बाप के साए में बच्चा जीवन की सारी हकीकत से रूबरू होता है इसलिए सभी छात्रों के परिजनों को घर में बच्चों पर निगरानी रखते हुए उनको दी गई आजादी और विशेष प्रकार की छूट पर लगाम लगानी चाहिए अगर अभिभावक बच्चों पर थोड़ा सख्ती बरतेंगे तो शिक्षा और संस्कार बच्चों को दोनों ही बेहतर तरीके से मिल सकेंगे और भविष्य में यमुनानगर जैसी बाहर जाते हैं सामने नहीं आएंगे।