जीभ में सुआ डाल कर मौन व्रत धारण कर लिया।
बाबा रामकेवल ने अनशन के छटवें दिन ये क्या कर डाला।
citymirrors-news-फरीदाबाद नगर निगम में व्याप्त महाभ्रष्टाचार को रोकने और पूर्व में हुए घोटालों की जांच की मांग को लेकर निगम के गेट पर पिछले 46 दिनों से सत्याग्रह और 5 दिनों से आमरण अनशन कर रहे बाबा रामकेवल ने आज अनशन के छटवें दिन जीभ में सुआ डाल कर मौन व्रत धारण कर लिया। जीभ को सुअे से भेदने से पहले बाबा ने कहा सरकार बहरी हो गई उसे हमारी आवाज सुनाई नहीं दे रही है इसलिये वो मौन व्रत कर रहे हैं शायद सरकार को उनकी पीडा दिखाई दे सके। बाबा ने जीभा भेदने से पहले चेतावनी दी कि अब जब तक उनकी जीभा से ये सुआ नहीं निकलेगा तब तक निगम के भ्रष्ट्राचारियों के खिलाफ एसआईटी गठन कर जांच नहीं हो जाती, चाहे इस मौन व्रत और आमरण अनशन के दौरान उनकी जान ही क्यों न चली जाये। जिस देश में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री फिर से संत महात्माओं का राज लाने के दावे कर रहे हों और भ्रष्ट्राचार को जड से उखाड फेंकने की बात कह रहे हों उसी देश के हरियाणा प्रदेश के जिला फरीदाबाद नगर निगम के गेट पर महाभ्रष्टाचार को रोकने और पूर्व में हुए घोटालों की जांच की मांग को लेकर एक संत महात्मा ने आज अपने आपको अपार पीडा पहुंचाते हुए अपनी जीभा में सुआ भेदकर मौन व्रत धारण कर लिया है। ये हैं वो संत बाबा रामकेवल जिनके हाथ में 4 इंच से भी बडा एक सुआ है जिसकी वो धार तेज कर रहे हैं ताकि जीभ में आसानी से आरपार हो सके, अब आपको दिखाते हैं बाबा ने अपने ही हाथों से अपनी जीभ में किस कदर इस 4 इंच के सुअे को अपनी जीभ में भेदा है। जरा गौर से देखिये बाबा रामकेवल अपने एक हाथ से जीभ को पकडे हुए हैं और दूसरे हाथ से सुआ को जीभ में डाल रहे हैं बडी ही पीडा सहने के बाद बाबा ने सुआ को अपनी जीभ के आरपार कर दिया और मौन धारण पर बैठ गये। बाबा की पीडा देखकर मौके पर मौजूद लोग अपने आपको भावुक होने से रोक नहीं पाये और आंखों से आंसू छलकाते हुए दिखे। अब आप सोच रहे होंगे की एक संत बाबा को आखिर इतनी पीडा उठाने की क्या जरूरत थी, तो स्वयं बाबा रामकेवल ने बताया कि उनका ये दर्द अपने शहर को लुटते हुए देखने से अधिक नहीं है। बाबा ने बताया कि नगर निगम में करोडों के घोटाले हुए हैं भ्रष्ट्राचार पूरी तरह से फैला हुआ है उनके शहर के लोगों की खून पसीने की कमाई को निगम अधिकारी लूट रहें, उनकी बस इतनी सी मांग है कि इन अधिकारियों के घोटालों की जांच करवाई जाये,, इसी मांग को लेकर बाबा सत्याग्रह पर बैठे हुए थे और अब अनशन के दौरान ही मौन व्रत धारण कर लिया है। बाबा ने साफ – साफ चेतावनी देते हुए कहा है कि उनकी जीभ से ये सुआ तब तक नहीं निकलेगा जब भ्रष्ट्राचारियों की जांच नहीं करवाई जाती।
वहीं बाबा की पीडा को देख भावुक हुए वरुण ने कहा कि वो कोई निगम से घर मकान या नोकरी नहीं मांग रहे हैं सिर्फ जांच करवाने की मांग कर रहे हैं लेकिन पता नहीं क्यों निगमायुक्त और सरकार जांच नहीं करवाना चाहती। बाबा की पीडा उनसे नहीं देखी जा रही है बाबा का स्वास्थ्य खराब हो रहा है डाक्टरों द्वारा जांचें भी की जा रही है मगर सरकार सुनने का नाम नहीं ले रही है।