Citymirrors.news-गाय, माता-पिता व संतों की सेवा करने व आशीर्वाद लेने से आयु में वृद्धि होती है। नर-सेवा=नारायण-सेवा की भावना से जरूरतमंदों की सेवा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं,इससे सुख-समृद्धि आती है। यह अमृत वचन श्री हनुमंत कथा के चौथे दिन कथा व्यास संत श्री कृष्णा स्वामी जी ने अपने प्रवचनों में कहे। उन्होंने हनुमान जी की विभिन्न बाल-लीलाओं का सुंदर वर्णन करते हुए बताया,कि हनुमान जी संकट मोचक हैं। प्रतिदिन उनकी पूजा-अर्चना करने से मंगल ही मंगल होता है।
कथा-प्रसंग के दौरान अंजना मां के साथ हनुमान जी के बाल- स्वरूप की सुंदर झांकी का दर्शन कराया गया,जिसके सामने भक्तजनों ने नृत्य करके अपनी खुशी का इजहार किया।
सुबह की विशेष पूजा अर्चना में भाग लेने वाले यजमान श्री नथमल बजाज,श्री रन्ति देव गुप्ता व श्रीमती रमा-विवेक सरना ने सपरिवार भाग लेकर हनुमान जी की पूजा-अर्चना की।कथा के सफल आयोजन में आर्थिक सहयोग प्रदान करने वाले समाजसेवी विनोद मितल,पवन बजाज, राजकुमार बजाज, देवेन्द्र गुप्ता, रूप राम गर्ग, राजकुमार अग्रवाल, महावीर गोयल,दीपक चौरसिया व नीलकंठ महादेव मंदिर प्रबंध समिति के विजय शर्मा, ओ०पी० अग्रवाल को व्यास जी के द्वारा स्मृति चिन्ह व सम्मान पट्टिका देकर सम्मान कराया गया। कार्यक्रम संयोजक रंतिदेव गुप्ता, अमर बंसल छाड़ियां ,चेयरमैन अरुण बजाज,गौतम चौधरी व सुरेन्द्र जग्गा ने सभी दानी सज्जनों व धर्मप्रेमियों से अपील की है कि वे कथा के सफल आयोजन में तन-मन-धन से पूर्ण सहयोग प्रदान करें।
यह कथा 18 सितंबर तक जारी रहेगी 19 सितंबर को हवन,यज्ञ व भंडारा होगा।