श्रीराम कथा का चौथा दिन: चौपाइयों के साथ राम जन्म की घोषणा पर झूमे श्रद्धालु।
CITYMIRR0RS-NEWS- मोरारी बापू द्वारा चल रही श्रीराम कथा के चौथे दिन भी भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिला। करीब 12 हजार भक्तों के साथ पंडाल भरा हुआ नजर आया। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी, कांग्रेस नेता एसी चौधरी, महेंद्र प्रताप और पटौदी के स्वामी धर्मदेव जी महाराज भी कथा सुनने पहुंचे। आज बापू ने लोगों के बीच जाकर भंडारा किया।कथा के चौथे दिन बापू फरीदाबाद में चहुंओर बधाई गूंजी। कथा मंडप में भजन और चौपाइयों के साथ जब बापू ने श्रीराम जन्म की घोषणा की तो हजारों श्रोता भाव विभोर होकर नाचने लगे। ऐसा अनूठा नजारा दिखा मानों धरती पर राम ने सच में फिर से जन्म ले लिया हो। बापू ने रामचरितमानस के बालकांड के बारे में भक्तों को बताया। रामायण की पूरी कहानी की रूपरेखा यहीं से शुरु होती है। धार्मिक दृष्टि से रामायण के बालकाण्ड अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। बृहद्धर्मपुराण के अनुसार इस काण्ड का पाठ करने से समस्त पीड़ा और दुखों से मुक्ति मिलती है।बापू ने कथा के दौरान बताया काकभुसुंडी कहते हैं ह्रद्य में राम बैठे हैं। काकभुसुंडी को तुलसीदास जी ने सुशील कहा था क्योंकि काकभुसुंडी कथा व मंगलाचार कर रहे थे, तभी गरुड़देव पधारे। काकभुसुंडी जी ने कथा बीच में छोड़ दी और गरुड़ का स्वागत किया, इससे उनकी सुशीलता का बोध होता है। 108 स्मृतियां हैं लेकिन ज्ञानी लोग चार को महत्व देते हैं। मुनस्मृति (सतयुग का ग्रंथ), गौतम स्मृति (त्रेता), शंख स्मृति (द्वापर युग), बृहस्पति/पराशर स्मृति/ कलीस्मृति कलयुग की स्मृति है। कलयुग की स्मृति में कहा गया है, कली प्रभाव के कारण- पाप पुण्य पर हावी होगा, असत्य-सत्य को दबा देगा, अधर्म-धर्म पर हावी होगा, सच बोलने वाला हार जाएगा और झूठ बोलने वाले का नाम हो जाएगा। बापू ने कहा पांडव पाँच थे और कौरव 100 , लेकिन आप सब पांडव बनो, पांडव बनने में पीड़ा तो है, पर साथ गोविंद तो है। बापू ने इस दौरान बताया उनकी कथा में दो तबला वादक हैं, जिनमें से एक हिंदु और एक मुस्लिम है। एक का रमजान महीना चल रहा है और दूसरे का अधिक मास। उन्होंने बताया, इस तबले का जो चमड़ा है, हर चौपाई पर सुर में बजता है, इससे इस पशु को मुक्ति मिलेगी। ये सभी उपकरण जिस भी चीज से बने होंगे, रामायण के साथ में सुनते-सुनते धन्य हो गए। बापू ने कहा, जिस पन्ने पर रामचरितमानस छपा है, वह वृक्ष धन्य हो जाएगा।