जलभराव की स्थिति से निपटने के प्रमुख उद्देश्य को लेकर उपायुक्त समीरपाल सरो देर शाम को औचक निरीक्षण पर निकले।
CITYMIRRORS-NEWS-जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग तथा मैट्रो रेल सेवा के निर्माण एवं विस्तार से सम्बन्धित चल रहे विकास कार्यों की वजह से आगामी बरसात के मौसम में जलभराव की स्थिति से निपटने के प्रमुख उद्देश्य को लेकर उपायुक्त समीरपाल सरो ने बल्लबगढ़ ओवर ब्रिज, मैट्रो स्टेशन व बस स्टैण्ड क्षेत्र का दौरा किया। इस मौके पर उपायुक्त के साथ बल्लबगढ़ के एसडीएम अमरदीप जैन, डीसीपी विरेन्द्र विज, जिला राजस्व अधिकारी पी.डी. शर्मा, डीसीपी टैऊफिक देवेन्द्र कुमार, नगर निगम के कार्यकारी अभियन्ता रमन शर्मा तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सहायक परियोजना निदेशक धीरज सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित थे। उपायुक्त सरो ने अधिकारियों से कहा कि जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग के सिक्सलेनिंग एवं सुधारीकरण कार्य के अन्तर्गत निर्माणाधीन बल्लबगढ़ ओवर ब्रिज सर्वाधिक लम्बाई का है। बल्लबगढ़ का बस स्टैण्ड और निर्माणाधीन मैट्रो स्टेशन भी इसके ठीक सामने हैं। ओवर ब्रिज के निर्माण कार्यों सहित मैट्रो लाइन निर्माण कार्य की वजह से इक_ा होने वाले मिट्टी के ढेरों को तुरन्त फैलाया अथवा हटाया जाये ताकि कीचड़ और जलभराव होने की वजह से ट्रैफिक
जाम की स्थिति उत्पन्न न हो सके। सम्बन्धित अधिकारियों ने तुरन्त मौके पर ही जेसीबी व ट्रैक्टर आदि मशीनरी लगा कर उपायुक्त के समक्ष ही सडक़ से मिट्टी हटाने का कार्य पूरा किया। सरो ने कहा कि इस क्षेत्र में बल्लबगढ़ रेलवे ओवर ब्रिज तथा रेलवे स्टेशन भी नजदीक है अत: सडक़ के किनारे और सार्वजनिक स्थानों पर अवैध कब्जों को हटवाना अत्यन्त जरूरी है ताकि सडक़ों पर सभी प्रकार के वाहनों व पैदल यात्रियों को आने-जाने में कठिनाई का सामना न करना पड़े। इसके अलावा इस क्षेत्र में लाइटिंग व्यवस्था भी दुरूस्त की जाये। उपायुक्त ने कहा कि जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाए गए बाटा, बडख़ल, ओल्ड फरीदाबाद, अजरौंदा व एनएचपीसी चैक ओवर ब्रिज एक-एक करके वाहनों की आवाजाही के लिए लोगों को समर्पित किए जा चुके हैं। इसी कड़ी में बल्लबगढ़ ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य अन्तिम चरण में है जोकि पूरा होने पर आगामी अगस्त माह में खोल दिया जायेगा। इसके अलावा मेवला महाराजपुर, वाईएमसीए और झाड़सैंतली व्हीकल अन्डर (वीयूपी)पास भी जल्द बन कर तैयार हो जायेंगे। उन्होंने इस सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए ताकि लोगों को इन बड़ी परियोजनाओं का लाभ शीघ्रातिशीध्र मिलने लगे।