खूनी झील की कहानी सुनाएंगे, बोर्ड और पत्थर ।
CITYMIRRORS-NEWS-अरावली की वादियों में स्थित खूनी झील की कहानी अब यहां के पत्थरों पर लिखी होगी, ताकि यहां पर आने वाले लोगों को हादसों की जानकारी मिल सके और इन रास्तों में जगह जगह करीब -15 बोर्ड लगाकर लोगों जागरुक करते हुए , किसी भी हादसे को लेकर सतर्क किया जाएगा। डिप्टी मेयर मनमोहन गर्ग ने अपनी नगर निगम की टीम और स्थानीय पार्षदों के साथ इन झीलों का मुआयना करने के बाद यह निर्णय लिया । मनमोहन गर्ग ने बताया कि अरावली की पहाड़ियों में कृत्रिम झील जो अब खूनी झील के नाम से फेमस हो चुका है। क्यों कि इसमें कई सालों से कई मौत होती चली आ रही है। इसका आकर्षण ही लोगों को अपनी और खींच लाता है। लोग यहां आते तो घूमने के इरादे से ही है। लेकिन नेनीताल की झील जैसा दिखाई देने वाले यहां एक नही कई झीलें है। चारों तरफ से खुले होने के कारण लोग को इस और आने से रोकना इतना आसान नहीं है। मनमोहन गर्ग ने बताया कि अरावली पहाड़ियों में बनी खूनी झील को पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। । हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अरावली वन संरक्षित क्षेत्र में किसी तरह का विकास कार्य नहीं किया जा सकता, लेकिन नगर निगम ने अस्थाई तौर पर खूनी झीलों पर कच्चे स्ट्रेक्चर बनाने की प्लानिंग कर सकता है। वहीं लोगों को जागरुक करने के लिए नगर निगम करीब -15 बोर्ड यहां जगह जगह लगाएगा । वहीं झील के रास्ते में पड़ने वाले हर बड़े पत्थर पर झील पर होने वाले हादसों की जानकारी दी जाएगी । अधिकारियों को बोर्ड लगाने के लिए करीब 15 दिन का समय दिया गया है। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह दिल्ली से झील में पिकनिक मनाने आए दिल्ली के तीन लड़के झील में डूबकर मर गए थे। इससे पहले भी झील में कई हादसे हो चुके हैं। युवा गूगल में सर्च करके झील को लेकर जानकारी लेते हैं और यहां पर पिकनिक मनाने के लिए पहुंच जाते हैं।