एशियन अस्पताल के डाॅक्टरों ने महिला को पेशब लीक होने की समस्या से निजात दिलाई ।
CITYMIRRORS-NEWS-कन्नौज उत्तर प्रदेश निवासी 32 वर्षीय सुनीता को पिछले कुछ समय से पेशाब लीक होने की समस्या हो रही थी। पहले सुनीता नेे शर्म के कारण समस्या को अनदेखा किया, लेकिन एक दिन अचानक से पेशाब अनियंत्रित होकर निकलने लगा तो सुनीता के परिजन उसे फरीदाबाद सेक्टर-21 स्थित एशियन अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे। एशियन अस्पताल आकर वे सीनियर कंसलटेंट यूरोलाॅजी एवं एचओडी किड़नी ट्रांसप्लांट डाॅ. विकास अग्रवाल से मिले और उन्हें मरीज की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डाॅ. विकास अग्रवाल ने बताया कि सुनीता को दाखिल करके जांच की जाएगी और पेशाब के रास्ते नल्की लगाई गई। इसके बावजूद भी पेशाब लीक होने की समस्या से निजात नहीं मिली क्योंकि पेशाब बच्चेदानी की ओर से लीक हो रहा था। मरीज का एक महीने पहले ही सिजेरियन हुआ था। सिजेरियन के दस दिन बाद जब पेशाब की नल्की निकाली गई। उसके बाद से पेशाब लीक होने की समस्या शुरू हो गई। मरीज का पहले भी दो बार सिजेरियन हो चुका है। डाॅ. विकास ने बताया कि पेशाब लीक होने की वजह जानने के लिए मरीज की सिस्टोस्कोपी (दूरबीन द्वारा पेशाब की नली की जांच) की गई जिसमें पाया गया कि मरीज की पेशाब की थैली में बहुत बड़ा छेद है। इस छेद के कारण पेशाब, पेशाब की थैली से निकलकर बच्चेदानी से होते हुए लीक कर रहा था। मरीज का सीटी स्कैन किया गया जिसमें मरीज की पेशाब की थैली व बच्चादानी एक छेद से जुड़ी हुई पाई गई। दूरबीन के द्वारा मरीज की सर्जरी की गई। सर्जरी के दौरान पाया गया कि मरीज की बच्चेदानी नीचे से पूरी तरह से खराब हो चुकी थी और खुली हुई थी। मरीज और परिजनों को पहले से ही जानकारी दे दी गई थी कि दो बार सिजेरियन के कारण बच्चेदानी पर प्रभाव हुआ है, अगर जरूरत पड़ी तो निकाला जा सकता है। परिजनों द्वारा स्वीकृति दिए जाने के बाद सर्जरी के दौरान दूरबीन द्वारा बच्चेदानी और पेशाब की थैली को अलग-अलग कर दिया गया। बच्चेदानी को निकालकर इस रास्ते को बंद कर दिया गया। पेशाब की थैली को दूरबीन द्वारा रिपेयर किया गया। यह सर्जरी डाॅ. विकास अग्रवाल और डाॅ. प्रवीन पुष्कर की टीम ने मिलकर सफलतापूर्वक सर्जरी की। डाॅ. विकास ने कहा कि यह एक बेहद जटिल सर्जरी थी। महिला के दो सिजेरियन हो चुके थे। यह सर्जरी 4घंटे तक चली। इस सर्जरी के बाद महिला को पेशाब लीक होने की समस्या से निजात मिल गई। अब सुनीता पूरी तरह से स्वस्थ है।