जिला प्रशासन द्वारा आयोजित मॉक ड्रिल सिर्फ दिखावा साबित हुआ।
CITYMIRRORS-NEWS-जिला प्रशासन द्वारा आयोजित मॉक ड्रिल सिर्फ दिखावा ही साबित हुई, सेक्टर-12 लघु सचिवालय में फायर फाइटिंग सिस्टम पूरी तरह फेल नजर आए। 2015 के बाद से फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं बदले गए हैं, पुराने फायर सिलेंडरों पर प्रशासन ने अपनी लापरवाही छुपाने के लिए अखबार के टुकड़े लगा रखे हैं। लघुसचिवालय की इस इमारत में पूरे शहर के जिला उपायुक्त सहित आलाअधिकारों के दफ्तर हैं उसके बाद भी इतनी बडी लापरवाही सामने आई है। इस बारे में सवाल पूछने पर डीसी साहब भी सवाल को टालते नजर आए। भूकंप से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा की गई मॉक ड्रिल ने जिला प्रशासन की बडी लापरवाही का खुलासा कर दिया है,, लघुसचिवायल की इमारत में लगे हुए फायर फाइटिंग सिस्टम पूरी तरह फेल नजर आए । जी हां, मॉक ड्रिल के दौरान पता लगा कि पूरे जिले को चलाने वाले शहर के इस बडे दफ्तर में जो फायर फाइटिंग सिलेंडर लगे हुए हैं वो पिछले तीन सालों से बदले ही नहीं गये हैं, जिनपर सन 2014 और 2015 का पेपर लगा हुआ है जो कि आज तक बदले ही नहीं गए । अपनी लापरवाही और लोगों के जीवन से खिलवाड करने वाले प्रशासन की सबसे बडी चालाकी तो उस वक्त दिखी जब पुराने फायर सिलेंडरों पर प्रशासन ने अपनी गलतियों को छुपाने के लिए अखबार के टुकड़े लगा दिए ।इस बारे में जिला उपायुक्त अतुल द्विवेदी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान उन्हें बहुत खामियां मिली है जिन्हें वो जल्द पूरा करने की कोशिश करेंगे वहीं फायर सिलेंडरों के सवाल को टालते हुए डीसी साहब ने कहा कि वो जांच करेंगे अगर गलत पाया जाता है तो जल्द पूरी इमारत के सभी फायर फाइटिंग सिस्टम बदलवा दिए जाएंगें । बतादें कि लघु सचिवालय की इस इमारत में जिला उपायुक्त अतुल कुमार से लेकर दर्जनों से भी ज्यादा आला अधिकारियों के दफ्तर है और इन दफ्तरों में अपना काम काज करवाने के लिए रोजना सैंकडों से ज्यादा लोग आते हैं, अगर ऐसे में कोई बडा हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार आखिर कौन होग?