मेट्रो अस्पताल की न्यूरोसर्जरी टीम ने यूसूफ नामक ईराकी मरीज की जान बचाई।
CITYMIRRORS-NEWS-मेट्रो अस्पताल की न्यूरोसर्जरी टीम ने यूसूफ नामक ईराकी मरीज की जटिल ब्रेन सर्जरी कर उनकी जान बचाई है। यूसूफ पिछले दो वर्षाें से शरीर के ऊपर भाग में कमजोरी महसूस कर रहे थे, जिसके लिए उनकी सर्जरी भी हुई थी, लेकिन उनकी हालात में सुधार नहीं हुआ।यूसूफ के पिता ने बताया कि एक वर्ष पूर्व दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में यूसूफ के स्पाईन ट्यूमर की सर्जरी हुई थी, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली और उन्हें बेहतर इलाज के लिए दोबारा भारत आना पड़ा। यहां आकर उन्होंने कई डाक्टरों से संपर्क किया, लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। किसी दूसरे इराकी मरीज के सुझाव पर वह मेट्रो अस्पताल फरीदाबाद के वरिष्ठ ब्रेन एवं स्पाईन सर्जन डा. तरुण शर्मा से मिले और यूसूफ काे केस बताया। डा. तरुण शर्मा ने सभी जांच एवं केस की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के बाद बताया कि यूसूफ की स्पाईनल कोर्ड में ट्यूमर है, जो तंत्रिकाओं तक फैल चुका है, जिससे मरीज के ऊपरी दाएं भाग में पैरालाइसिस हो गया है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी ट्यूमर की लोकेशन काफी मुश्किल जगह पर होती है, जिस कारण सर्जरी करना बहुत कठित हो जाता है। प्रथम सर्जरी मेें ट्यूमर पूर्ण रुप से नहीं निकल पाया था, जिसके कारण ही यूसूफ को पैरालाइसिस हुआ और उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया। डा. शर्मा और उनकी टीम ने सभी जांच और विचार विमर्श के बाद यूसूफ की दोबारा सर्जरी करने की प्लानिंग की। सर्जरी में लगभग तीन घंटे का समय लगा एवं सर्जरी के दौरान एडवांस तकनीक (न्यूरल मोनोटरिंग) का उपयोग किया गया, जिससे कि ट्यूमर को निकालते समय हाथ को कंट्रोल करने वाली तंत्रिकाओं को कोई क्षति नहीं पहुंची। सर्जरी के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि ट्यूमर पूर्ण रुप से निकाल दिया जाए, जिससे मरीज का ऊपरी भाग फिर से काम करने लगे। इसी जटिल प्रक्रिया के बाद मरीज की हालात में काफी सुधार है एवं उसका लकवाग्रस्त भाग फिर से काम करने लगा है। अब वह वापिस अपने देश जाने के लिए पूरी तरह से फिट है।मेट्रो अस्पताल के वरिष्ठ हृदय विशेषज्ञ एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डा. एस.एस. बंसल ने इस उपलब्धि के लिए न्यूरोसर्जरी टीम को बधाई दी और बताया कि अस्पताल में जटिल सर्जरी के लिए नई तकनीक एवं वरिष्ठ विशेषज्ञों की टीम 24 घंटे उपलब्ध रहती है