5वी इंटरनेशनल स्ट्रेंथ लिफ्टिंग कॉम्पिटीशन में 3 गोल्ड मेडल देश के नाम ।
citymirrors-news- श्री लंका में आयोजित 5 वीं इंटरनैशनल स्ट्रेंथ वेट लिफ्टिंग कॉम्पिटिशन में मेडल जीत·कर लौटने पर फरीदाबाद के लिफ्टरो का दिल्ली एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया गया। जाट समाज की ओर से स्वागत कार्यक्रम में फरीदाबाद के नरेश मलिक ने 76 ·किलो ग्राम में, रविंद्र सिंह ने 95 ·किलोग्राम में , गुरूदीप सिंह बक्शी ने 105 किलो के वेट में गोल्ड मेडल जीतकर शहर का नाम हरियाणा का नाम और देश का नाम रोशन करने पर फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया गया।
वहीं मुंह मीठाकर शुभकामनाएं दी गई। यह प्रतियोगिता श्री लंका में 27 से 30 मार्च तक आयोजित कि गई थी। सेक्टर 14 में रहने वाले खिलाड़ी गुरुदीप सिंह बक्शी ने बताया कि 105 किलो वेट कैटगिरी में 882.5 किलो वेट उठाकर नया कीर्तिमान स्थापित करने का उन्हें जो मौका मिला है। इसके लिए वह फरीदाबाद वासियों का तहे दिल से धन्यवाद करते है। उन्होंने बताया कि पहले यह रिकोर्ड 105 किलो वेट कैटगिरी में 822.5 किलो था। वेट लिफ्टिर बक्शी ने बताया कि इस इंटरनेशनल कॉंपिटिशन में इंडिया, श्रीलंका, पाकिस्तान, बेहरान के खिलाडिय़ों ने भाग लिया था।मुकाबला काफी कड़ा था ऐसे में हमने विपक्ष खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर देते हुए तीन गोल्ड मेडल अपने नाम करने में सफलता हासिंल की है । गुरुदीप सिंह बक्शी ने बताया कि वह पहले भी इंटरनेशनल लेवल पर कई प्रतियोगिता में देश के लिए मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने बताया कि टू हेंड कर्लिंग में पिछले साल बैंकॉक में हुई कॉंपिटिशन में मैने 80 किलों मारकर रिकॉर्ड बनाया था । वो रिकॉर्ड भी मेरे नाम ही था। जो कि इस साल श्रीलंका में हुए कॉंपिटिशन में 85 किलों मार कर मैने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। ऑल ओवर किसी भी कैटेगरी में आज तक किसी ने भी यह रिकॉर्ड नहीं बनाया है। इस तरह का रिकॉर्ड मेरे ही नाम है। इंटरनेशनल स्ट्रेंथ लिफ्टिंग कॉंपिटिशन में मुझे दूसरी बार बाहर जाना का मौका मिला। मैंने इसके अलावा नेशनल बेंच प्रेस में भी कई मेडल जीते है।
लिफ्टर बक्शी ने बताय कि जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि एपी या एमएलए पार्कों में जिम लगाने मै बिजी रहते है उन्हें मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित कर उनका हौंसला बढ़ाना चाहिए। आज फरीदाबाद से तीन लोग इटरनेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीतकर लौटे है। लेकिन शायद ही किसी प्रशासनिक अधिकारी और नेताओं को पता हो । अन्य खेलों की तरह स्ट्रेंथ लिफ्टिंग और बेंच प्रेस खेल को भी बढ़ावा मिलना चाहिए। लिफ्टर बक्शी ने कहा कि मुझे आज 18 साल हो गए कड़ी मेहनत करते हुए ।लेकिन आज का युवा वर्ग ेशॉटकट के चक्कर में स्टूराइट आदि के चक्कर में अपना जीवन बेकार कर रहा है।वह सोशल मीडिया में फोटो डालने के लिए इस तरह अपने बॉडी को खराब करने पर तुला हुआ है।जल्दी बॉडी बनाने के लिए वह इंजेक्शन और गलत प्रोडक्ट का प्रयोग करने लगा है। युथ कड़ी मेहनत और लगन के साथ ही इस फील्ड में अपना नाम रोशन करे।