भारत मां को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति दिलाने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले तीन लाल को शत शत नमन | केसी लखानी
CITYMIRRORS-NEWS-आज शहीद-ए -आजम भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के शहीदी दिवस के अवसर पर रोटरी क्लब फरीदाबाद ईस्ट, रोटरी क्लब फरीदाबाद मिडटाउन एवं दक्ष फाउंडेशन, ने एस.एस.आर कॉर्पोरेट पार्क में मेगा रक्तदान शिविर का आयोजन किया। शिविर में श्री केसी लखानी, चेयरमैन लखानी अरमान ग्रुप और रतनलाल शर्मा, चेयरमैन SSR ग्रुप ने मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत की। अंचल भूटानी, महेंद्र मेहतानी ,दिनेश सरदाना, डॉ.आर एस वर्मा, अनिल बहल, पंकज जैन, दीपक प्रसाद, विनायक गुलाटी, वेद अदलखा, बी.बी. कथूरिया सचिव रेडक्रॉस, MP सिंह, ट्रैफिक ताऊ वीरेंद्र, पारुल जैन, तरुण गुप्ता प्रेसिडेंट रोटरी क्लब फरीदाबाद ईस्ट, प्रवेश कंसल निदेशक दक्ष फाउंडेशन शिविर में उपस्थित थे। इस मौके पर शिविर में के सी लखानी, चेयरमैन लखानी अरमान ने कहा कि भगतसिंह इतने बहादुर थे की उन्होंने संसद में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया । जिसके फलस्वरूप इन्हें 24 मार्च 1931 को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु और सुखदेव के साथ फाँसी पर लटकाने का फरमान किया गया था। भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव की फाँसी का देश भर में व्यापक विरोध हो रहा था । 23 मार्च एक ऐसा दिन है, जो क्रांति का नाम है। 23 मार्च को सिर्फ इसलिए याद नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इस दिन अंग्रेजों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी थी। बल्कि इसे इस रूप में याद किया जाना चाहिए कि आजादी के दीवाने तीन मस्तानों ने खुशी-खुशी फांसी के फंदे को चूमा था। इस दिन को इस रूप में याद किया जाना चाहिए कि इन तीनों ने भारत मां को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति दिलाने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। रक्तदान शिविर में 175 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। दक्ष फाउंडेशन, रोटरी क्लब फरीदाबाद ईस्ट एवं रोटरी क्लब फरीदाबाद मिडटाउन सभी सदस्यों ने वार मेमोरियल पर मोमबत्ती जलाकर शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को श्रद्धांजलि दी। भगतसिंह भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे । वे देश की आजादी के लिए जिस साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुकाबला किया, वह भुलाया नही जा सकता । इन्होंने पहले लाहौर में सांडर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय असेम्बली में चंद्रशेखर आजाद और पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ बम विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलंदी प्रदान की ।