आम चुनाव में कुछ लोग वैश्य समाज का सौदा करना चाहते हैं जिसका विरोध किया जाएगा। वही वैश्य राजनैतिक जागृति मंच का वैश्य समाज बहिष्कार करता है।
Citymirrors.in-दो दिन पहले वैश्य राजनैतिक जागृति मंच के तत्वावधान में आयोजित बैठक में एक खास राजनेता के पक्ष में धु्रवीकरण की कोशिशों के खिलाफ वैश्य समाज खुलकर सामने आ गया है। आज समाज के खास लोगों ने ओल्ड फरीदाबाद स्थित तेल मिल अग्रवाल धर्मशाला में बैठक कर कथित मंच का विरोध किया।वैश्य समाज के वक्ताओं ने मौजूद समूह से कहा कि आज के चुनावी माहौल में समाज को किसी खास व्यक्ति या राजनैतिक दल के हाथों बेचे जाने के हर प्रयास का विरोध किया जाएगा। वक्ताओं ने कहा कि जिस प्रकार अचानक चुनाव में एक संगठन बनाया गया है उससे हमें इसमें किसी षडयंत्र की बू आती है। उन्होंने कहा कि चुनावों में समाज को बेचने का प्रयास किया गया है उसकी हम निंदा करते हैं और इस पूरी कोशिश का बहिष्कार करते हैं।
सभा में अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के जिला मंत्री सतीश मित्तल ने कहा कि यह मंच स्थानीय विधायक एवं राज्य सरकार के मंत्री विपुल गोयल के इशारे पर बनाया गया है और उनके ही पक्ष में बैठक को किया गया। जबकि सच्चाई यह है कि गोयल ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में वैश्य समाज की भलाई के लिए कोई काम नहीं किया और उनके ड्राइंगरूम में चुनिंदा उद्योगपतियों का कब्जा रहता था। आज चुनाव में यह लोग वैश्य समाज का सौदा करना चाहते हैं जिसका विरोध किया जाएगा।
इस बैठक में सेक्टर 28, 29, 30, 31 वैश्य समाज के अध्यक्ष डी के माहेश्वरी ने कहा कि जिस वैश्य राजनैतिक जागृति मंच द्वारा दो दिन पहले बैठक का आयोजन किया गया, उस मंच को समाज जानता ही नहीं है। हमारा वैश्य समाज बुद्धिजीवि समाज है और उसे पता है कि वो किसे अपना वोट देगा। वहीं महाराजा अग्रसेन विवाह समिति के अध्यक्ष ब्रह्मप्रकाश गोयल ने कहा कि चुनावों में पूरे वैश्य समाज की ठेकेदारी भरने का जो प्रयास किया जा रहा है हम उसकी भत्र्सना करते हैं और ऐसे मंच का बहिष्कार करते हैं।
इसी प्रकार ऑल इंडिया वैश्य महासम्मेलन के जिलाध्यक्ष युगल मित्तल ने कहा कि इस बैठक में समाज में विमर्श करने के लिए बुलाया था, लेकिन वहां एक नेता के पक्ष में गोलबंद करने का प्रयास किया गया, जिसका हम पूरी तरह से बहिष्कार करते हैं। यहां मास्टर जगदीश अग्रवाल ने कहा कि वैश्य समाज पढ़ा लिखा और बुद्धिजीवि समाज है। वह किसी भी संगठन और नेताओं के बहकावे में न आकर अपना मत अपने पसंद के उम्मीदवार को दे। लेकिन मतदान जरूर करे। इस अवसर पर सैकड़ों लोग बैठक में मौजूद थे जिन्होंने वक्ताओं के साथ अपनी सहमति जताई।